जगदलपुर. कृमि संक्रमण से बचाव हेतु 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों के लिये आज कृमिमुक्ति दिवस के तहत कृमिनाशक दवा खिलाई जाएगी. इस दौरान बस्तर संभाग के 7 जिलों में सर्वाधिक बस्तर में 3.34 लाख, बच्चों को यह गोली खिलायी जाएगी जबकि कांकेर में 2.93 लाख, कोंडागांव में 2.31 लाख, दंतेवाड़ा में 1.12 लाख, बीजापुर में 95,118, सुकमा में 92,721, वहीं नारायणपुर में 55,715 से अधिक बच्चों को इसका लाभ मिलेगा. इस प्रकार बस्तर सम्भाग में 12.15 लाख बच्चों को कृमि नाशक एल्बेंडाजोल की गोली खिलाये जाने का लक्ष्य रखा गया है.
इस सम्बंध में सीएमएचओ डॉ.आर.के.चतुर्वेदी ने बताया:
“कृमिमुक्ति अभियान के तहत 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़ों से बचाने की दवा आज खिलाई जाएगी. किसी कारणवश दवा खाने से छूटे हुए बच्चों और किशोर-किशोरियों को 14 सितम्बर के दिन मॉपअप चरण में दवा खिलाई जाएगी. बस्तर जिले में इस वर्ष 3.34 लाख बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों, एवं शासकीय विद्यालयों/ शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं / केंद्रीय विद्यालयों/ नवोदय विद्यालय/ मदरसों/ निजी स्कूलों/ अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों/ महाविद्यालयों/ तकनीकी शिक्षा संस्थानों में कृमिनाशक दवा खिलाई जाएगी.“
आगे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया:
” कृमि संक्रमण के पनपने से बच्चे के शरीर में खून की कमी हो जाती है. वह हमेशा थकान महसूस करते हैं और उनका शारीरिक, मानसिक विकास भी बाधित होता है. साथ ही बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है. इसलिये 1 से 19 वर्ष के बच्चों, किशोर-किशोरियों को कृमि से बचाव हेतु एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाया जाना आवश्यक है. कार्यक्रम के दौरान कोविड 19 संबंधित दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा . 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली (200 एमजी) चूर्ण बनाकर पानी के साथ, 2 से 3 वर्ष तक के बच्चों को 1 गोली पूरी तरह से चूर्ण बनाकर पानी के साथ तथा 3 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली (400 एमजी) चबाकर के पानी के साथ सेवन कराया जाएगा. एल्बेंडाजोल की गोली बच्चों और बड़ों के लिए सुरक्षित है. दवा खाने के उपरांत यदि कोई प्रतिकूल प्रभाव हो तो प्रबंधन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपचार की व्यवस्था भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा रहेगी. कृमि मुक्ति दिवस पर बीमार बच्चों या पहले से कोई अन्य दवाई ले रहे बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली नहीं दी जाएगी.”
कृमिमुक्ति कार्यक्रम के नोडल अधिकारी सी.आर.मैत्री ने बताया:
“एल्बेंडाजोल की दवा कृमि से मुक्ति की क्षमता रखती है. इससे स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और एनीमिया नियंत्रण में रहता है. इसके साथ ही सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार होता है. कृमि संक्रमण चक्र की रोकथाम के लिए यह गोली बच्चों को देना आवश्यक है. कृमि से बचाव के लिये दैनिक जीवन में कुछ नियमों का पालन बहुत जरूरी है. नाखून साफ व छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पिएं, आस-पास सफाई रखें, खाने को हमेशा ढककर रखें, साफ पानी से फल व सब्जियां धोएं, खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें, हाथ साबुन और साफ पानी से धोएं विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद.
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