वाशिंगटन/नई दिल्ली . लंदन के बाद सैन फ्रांसिस्को में भी रविवार को खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर दिया. इस हमले में दूतावास को क्षति पहुंची है. अमेरिका ने निंदा करते हुए सुरक्षा का भरोसा दिलाया है. वहीं, भारत की आपत्ति पर लंदन में एक खालिस्तान समर्थक को गिरफ्तार किया गया है.
अमेरिका में हमले के बाद फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज ने कहा कि हम कानून व्यवस्था की विफलता से हैरान हैं. उपद्रवी सुरक्षा घेरे को तोड़कर दूतावास परिसर के अंदर घुस गए और दो खालिस्तानी झंडे लगा दिए. हालांकि बाद में इन झंडों को हटा दिया. वहीं, ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में भी खालिस्तान समर्थकों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया.
भारत का कड़ा विरोध भारत ने सैन फ्रांसिस्को की घटना पर अमेरिका के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज किया. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित उपाय करने को कहा.
खालिस्तान समर्थकों के ट्विटर अकाउंट ब्लॉक
खालिस्तान समर्थकों के कई ट्विटर अकाउंट सोमवार को ब्लॉक किए गए. इनमें कनाडा के मौजूदा सांसद जगमीत सिंह, कनाडाई कवयित्री रूपी कौर, यूनाइटेड सिख्स नामक संस्था शामिल हैं.
पंजाब पुलिस ने सोमवार को ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ रासुका लगाया है. हरजीत सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा जाएगा. ब्योरा P02