नई दिल्ली, 26 अगस्त दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि उनका इस्तीफा दुर्भाग्यपूर्ण है. यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि उन्होंने आजाद का पत्र पढ़ा है, जो मीडिया को जारी किया गया है.
उन्होंने कहा, “यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह ऐसे समय में हुआ है जब कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी और पूरा पार्टी संगठन मेहंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के सार्वजनिक मुद्दों पर भाजपा से लड़ रही है. 4 सितंबर को नई दिल्ली में महंगाई पर हल्ला बोल रैली और 7 सितंबर को कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू होने वाली है.”
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता, गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा दे दिया, जिसमें पार्टी आलाकमान के साथ उनके मतभेदों के बाद इसकी मूल सदस्यता भी शामिल थी.
आजाद ने इससे पहले जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस प्रचार समिति के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उनके कुछ वफादारों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया.
अपने त्याग पत्र में, आजाद ने सीडब्ल्यूसी सदस्यों पर जी-23 नेताओं द्वारा 2020 में सोनिया गांधी को एक पत्र लिखे जाने के बाद उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है.
आजाद 1970 के दशक के मध्य में कांग्रेस में शामिल हुए और पार्टी और सरकार दोनों में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे.
वह इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पी.वी. नरसिम्हा राव और डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रीमंडल में मंत्री थे.
वह 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे.
आजाद के कांग्रेस से अलग होने को उनके राजनीतिक दबदबे के कारण जम्मू संभाग में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है. वह डोडा जिले के रहने वाले हैं.