इस्लामाबाद. आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. महंगाई और बिजली संकट के बीच पाकिस्तान में अब प्रत्येक दिन हजारों लोगों को नौकरी गंवानी पड़ रही है.
कारोबार अस्थायी या स्थायी रूप से बंद होने और उद्योगों में उत्पादन कम होने के बीच इस साल पाकिस्तान में 62 लाख से अधिक लोगों की नौकरी छिनने की आशंका है. आंकड़ों में देखें तो पाकिस्तान में कार्यरत सात करोड़ लोगों में से करीब 8.5% लोग बेरोजगार हो जाएंगे. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में आने वाले वर्षों में बेरोजगारी और बढ़ने की आशंका जताई गई है. कर्ज के जाल में बुरी तरह जकड़े पाकिस्तान के लिए यह खतरे की घंटी है. अगर बेरोजगारी दर में इजाफा होता है तो यह देश के विकास की कमर को और तोड़ देगी. भारी बेरोजगारी की आशंका में पाकिस्तान सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से जल्द से जल्द राहत पैकेज चाहती है.
आईएमएफ ने कर्ज देने के लिए पाकिस्तान पर कड़ी शर्तें थोपी हैं. उसने पाकिस्तान से मिनी बजट और अन्य कदमों की जानकारी मांगी है. वित्त मंत्रालय के अधिकारी उसे जवाब भेजने की कवायद कर रहे हैं.
आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार के सामने जिन शर्तों को रखा है, उनमें बिजली सब्सिडी को पूरी तरह समाप्त करना, गैस के दाम को अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों के मुताबिक करना, डॉलर के दाम पर हस्तक्षेप नहीं करना आदि शामिल हैं. इसके अलावा सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों पर अतिरिक्त टैक्स भी लगाना होगा. वहीं सरकार अगर आईएमएफ की सभी शर्तें मान लेती है तो पाकिस्तान में महंगाई और भड़क सकती है.