ज्ञानवापी किसकी है? इस सवाल का जवाब तय करने के लिए कोर्ट में ज्ञानवापी-शृंगार गौरी केस पर सुनवाई का रास्ता कम-से-कम वाराणसी जिला अदालत से आज तय हो गया. जिला जज डॉ.अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने दायर वाद की सुनवाई के हक में अपना फैसला सुनाया. मामले में अगली सुनवाई 22 सितम्बर को होगी. कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए कहा कि मुकदमा न्यायालय में चलने योग्य है. अदालत ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा दिए गए 7/11 के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. हालांकि अभी भी इस मामले में हाईकोर्ट और सु्प्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है. प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद पक्ष के अधिवक्ता विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.
ज्ञानवापी.शृंगार गौरी प्रकरण में पांच महिलाओं की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र में इतिहास, पुराणों संग मंदिर के इतिहास से लेकर उसके संरचना का जिक्र करते हुए दर्शन पूजन का अधिकार मांगा गया था. मांग किया है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी और विग्रहों को 1991 की पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन.पूजन के लिए सौंपा जाए और सुरक्षित रखा जाए. जिन्होंने कोर्ट में यह वाद दाखिल किया है, उनके नाम राखी सिंह हौजखास नई दिल्लीए लक्ष्मी देवी सूरजकुंड लक्सा वाराणसी, सीता साहू सराय गोवर्धन चेतगंज वाराणसी, मंजू व्यास रामधर वाराणसी और रेखा पाठक हनुमान पाठक वाराणसी हैं.
श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन मामले में जिला जज अदालत के फैसले को लेकर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है. संवेदनशील जगहों पर खास नजर रखी जा रही है. प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि, संवेदनशील इलाकों पर नजर रखी जा रही है. पुलिस पेट्रोलिंग कर रही है. धर्मगुरुओं ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है जिससे कि कोई भी अराजक तत्व इस स्थिति का लाभ न उठा सके.