केरल के वायनाड जिले के मननथावाडी में दो पशुपालन केंद्रों में ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर’ (एएसएफ) के मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी है। राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल में नमूनों की जांच के बाद जिले के दो पशुपालन केंद्रों के सूअरों में इस बीमारी की पुष्टि हुई थी।
पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एक केंद्र पर कई सूअरों की मौत के बाद नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। अब नतीजों ने इस बुखार की पुष्टि की है। दूसरे केंद्र में 300 सुअरों को मारने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने कहा कि बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार द्वारा इस महीने की शुरुआत में चेतावनी दिए जाने के बाद राज्य ने जैव सुरक्षा उपायों को पहले ही कड़ा कर दिया था। केंद्र सरकार ने बताया था कि बिहार और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर’ के मामले सामने आए हैं। अफ्रीकी सूअर बुखार एक अत्यधिक संक्रामक और घातक बीमारी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, यह जंगली और घरेलू सूअरों में प्रचलित एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है और इसकी मृत्यु दर उच्च है। इस बीमारी के खिलाफ अभी तक कोई टीका तैयार नहीं है। यह मनुष्यों के लिए खतरा नहीं है, लेकिन यह बड़े पैमाने पर सूअर का मांस उद्योग और किसानों की आजीविका को प्रभावित कर रहा है।