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जानें कांग्रेस ने क्यों चिपकाया ‘PayCM करो’ का पोस्टर !

बेंगलुरु। कर्नाटक की सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के बीच पोस्टर वॉर छिड़ गया है. दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए क्यूआर कोड पोस्टर का इस्तेमाल किया है. विपक्षी कांग्रेस ने पहले ‘PayCM’ पोस्टर जारी किया. जिसके बाद भाजपा ने बुधवार को विपक्षी नेता सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार वाले क्यूआर कोड पोस्टर के साथ जवाब दिया.

कर्नाटक में छिड़ा पोस्टर वॉर

कांग्रेस द्वारा जगह-जगह चिपकाए गए ‘PayCM’ पोस्टर पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की तस्वीर है. गौर करने वाली बात यह है कि इसमें दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करने वाला 40% sarkar.com वेबसाइट पर चला जाएगा. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के इन पोस्टरों से राज्य में दोनों दलों में नई सियासी जंग छिड़ गई है. अधिकारियों ने बेंगलुरु में दीवारों, प्रतिष्ठानों से पोस्टर हटाने के लिए तत्काल बीबीएमपी कर्मियों को कहा. बीजेपी एमएलसी एम रविकुमार ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने हमारे सीएम को प्रचार करने के लिए लगाया है, उन्हें राहुल गांधी को पेमेंट करनी चाहिए.

भाजपा ने कांग्रेस को घेरा

एमएलसी रविकुमार ने कहा कि सिद्धारमैया को एक घड़ी की आवश्यकता है (हबलेट घड़ी कांड का जिक्र करते हुए) और उन्हें पेमेंट करने दें. पूर्व अध्यक्ष रमेश कुमार ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि उन्होंने चार पीढ़ियों के लिए धन अर्जित किया है, उन्हें पेमेंट करने दें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीएम की आलोचना करते समय, गरिमा होनी चाहिए.

भाजपा ने भी लगाया पोस्टर

कांग्रेस विधायक और मीडिया प्रभारी प्रियांक खड़गे ने कहा कि ‘PayCM’ अभियान व्यक्तिगत नहीं है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थान पर जो भी चर्चा हो रही है उसे प्रचार के लिए लिया जा रहा है. कथित तौर पर भाजपा द्वारा जारी किए गए पोस्टर में सिद्धारमैया और शिवकुमार की तस्वीरें हैं, जिसमें लोगों से राज्य को लूटने और व्यवस्था को नष्ट करने के लिए राज्य से दोनों को उखाड़ फेंकने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए कहा गया है. इसमें नीचे यह भी बताया गया है कि दोनों इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कैसे राज्य को नष्ट किया जाए, कैसे झूठ फैलाया जाए और शांति भंग की जाए.

सीएम बोम्मई ने गृह विभाग से मांगी रिपोर्ट

इस बीच बोम्मई ने गृह विभाग से अचानक सामने आए पोस्टरों पर रिपोर्ट मांगी है. मामला अधिकारियों के संज्ञान में आने के तुरंत बाद सार्वजनिक स्थानों पर लगे इन पोस्टरों को हटा दिया गया.

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