पर्यटन मंडल के होटलों में बिकेगी शराब, आबकारी विभाग ने दी मंजूरी, दोपहर से आधी रात तक खुलेंगे बार

छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंडल के होटलों-मोटलों में अब विदेशी शराब भी परोसी जाएंगी. आबकारी विभाग ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है. यह शराब होटल के रेस्टोरेंट या ऐसे ही किसी जगह पर ग्राहकों को खुली बोतल से परोसी जाएंगी.

इसके लिए संबंधित होटल को एफएल-3 श्रेणी का लाइसेंस जारी होगा. बता दें कि राज्य कैबिनेट ने पर्यटन मंडल के होटलों को एफएल-3 श्रेणी का लाइसेंस देने का फैसला मई में किया था. जिसे अब आबकारी विभाग की मंजूरी मिल गई है. इन होटलों में पीने-पिलाने का सिलसिला दोपहर 12 बजे से शुरू होकर रात के 12 बजे तक चल सकता है.

आबकारी विभाग ने लाइसेंस लेने वालों के लिए कुछ शर्तें भी रखी है. पहली शर्त है कि इन होटलों में परोसने के लिए विदेशी शराब की खरीदी उसी जिले की किसी फुटकर दुकान से हो. यह दुकान कलेक्टर तय करेंगे. दूसरी यह कि होटल में केवल एक ही बार रूम और शराब काउंटर की अनुमति होगी.

होटल-रेस्टोरेंट्स में 20% अधिक दाम में बिकेंगी शराब: अधिसूचना के मुताबिक होटलों में विदेशी शराब की बिक्री सामान्य फुटकर दर से कम से कम 20% अधिक मूल्य पर किया जाएगा. ये हाेटल एक समय में 240 से अधिक शराब की बोतल और 480 बीयर से अधिक स्टॉक नहीं रखेंगे. अगर होटल बड़ा है तो आबकारी आयुक्त यह सीमा बढ़ा भी सकते हैं. यह बार साल में कुछ त्यौहारों-पर्वों को मिलाकर 10 दिन ही बंद रहेंगे. इनमें गणतंत्र दिवस, महात्मा गांधी की शहादत दिवस, होली, मोहर्रम, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती और गुरु घासीदास जयंती पर्व शामिल हैं. अगर प्रशासन कानून-व्यवस्था, चुनाव या किसी और संबंध में बार को बंद करने का आदेश देता है तो उस दिन भी बार बंद रखना होगा. सामान्य स्थिति में यह बार दोपहर 12 बजे से रात के 12 बजे तक संचालित किया जा सकता है.

एक लाख रुपए होगी लाइसेंस फीस

आबकारी विभाग पर्यटन बार लाइसेंस के लिए एक लाख रुपए सालाना की दर से शुल्क लेगा. लाइसेंस लेने वाले को शर्तों के पालन की गारंटी आदि के तौर पर लाइसेंस शुल्क की 25% राशि नगद या किसी राष्ट्रीय बैंक में जमा करनी होगी. यह 30 जून तक जमा रहेगी. वर्ष भर में शर्तों का कोई उल्लंघन नहीं होने, बकाया नहीं रहने पर यह मुक्त कर दी जाएगी.

मई में हुआ था लाइसेंस देने का फैसला

राज्य कैबिनेट ने पर्यटन मंडल के होटलों को एफएल-3 श्रेणी का लाइसेंस देने का फैसला मई में किया था. तर्क दिया गया था कि ये होटल चल नहीं रहे हैं. अगर वहां बार लाइसेंस दे दिया जाए तो यह रन कर जाएगा. उस समय सरकार के प्रवक्ता और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा था. यदि आप हाईवे से गुजरेंगे तो तत्कालीन सरकार के भ्रष्टाचार का मकबरा जैसा बना हुआ पाएंगे. इसे पर्यटन विभाग ने बनाया था. उनमें से अधिकांश खंडहर में तब्दील हो गए हैं. कुछ लोगों का कहना था कि इन होटलों में एफएल-3 का लाइसेंस दे दिया जाए तो चलेंगे.

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