नई दिल्ली, 30 जुलाई अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली ने शनिवार को एक महिला का दूसरे फेफड़े का सफल प्रत्यारोपण किया है. एक 36 वर्षीय ब्रेन डेड मरीज ने पांच लोगों की जान बचाने के लिए अपने अंग दान कर दिए. उत्तर प्रदेश के रहने वाले अमरेश चंद को यहां जैतपुर के पास 27 जुलाई को एक ऑटो रिक्शा की चपेट में आने से सिर में गंभीर चोट आई थी. उन्हें ट्रामा सेंटर ले जाया गया और उनका ऑपरेशन किया गया, लेकिन अगले दिन ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया.
एम्स में डॉक्टरों और प्रत्यारोपण समन्वयकों की एक टीम ने उनके परिवार के सदस्यों को उनके अंग दान करने की सलाह दी.
लीवर कैंसर से पीड़ित एक मरीज में उनका लीवर ट्रांसप्लांट किया गया था. दो किंडियों में से एक को एम्स में एक मरीज में प्रत्यारोपित किया गया, जबकि दूसरे को राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) के माध्यम से लीवर और पित्त विज्ञान संस्थान को दिया गया था.
दान किया गया हृदय आर एंड आर अस्पताल को आवंटित किया गया था, और एक गुर्दा आईएलबीएस अस्पताल को एनओटीटीओ के माध्यम से आवंटित किया गया था. एम्स दिल्ली में प्राप्तकतार्ओं में लीवर, फेफड़े और एक किडनी का प्रत्यारोपण किया गया.
एम्स ने कहा, “इलाज करने वाले डॉक्टरों, ओआरबीओ समन्वयकों, प्रत्यारोपण टीम, फोरेंसिक विभाग, विभिन्न अंग पुनप्र्राप्ति टीमों और पुलिस विभाग के बीच प्रभावी समन्वय ने पूरी प्रक्रिया को सहज और सुचारू बना दिया है, जिसके परिणामस्वरूप पांच युवाओं की जान बच गई है.”
एम्स दिल्ली में अंग प्रत्यारोपण और पुनप्र्राप्ति संगठन की प्रमुख डॉ आरती विज ने कहा, “एक युवा जीवन को इस तरह खोते हुए देखना बहुत दुखद है. अमरेश के परिवार को एक अपूरणीय क्षति हुई है, लेकिन उनके अंगों को दान करने और दूसरों को प्रकाश देने की उनकी इच्छा है. जीवन इस बात की गवाही देता है कि अच्छाई सबसे बुरे समय में भी बनी रहती है.”
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