
नई दिल्ली . आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को अदालत से कोई राहत नहीं मिली. अदालत ने सिसोदिया की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिमांड अवधि पांच दिन और बढ़ा दी. हालांकि, ईडी ने सात दिन की और रिमांड मांगी थी.
राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल की अदालत में ईडी की तरफ से कहा गया कि पिछले सात दिन की पूछताछ में कई अहम जानकारी सामने आई हैं. इनकी पुष्टि करने के लिए सिसोदिया से अतिरिक्त पूछताछ की आवश्यकता है. सिसोदिया का तीन अन्य आरोपियों पूर्व आबकारी आयुक्त राहुल सिंह, दिनेश अरोड़ा और अमित अरोड़ा के साथ आमना-सामना कराना है.
जांच एजेंसी ने अदालत से कहा कि दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री का उनके पूर्व सचिव सी अरविंद से भी सामना कराया जाना है. बहरहाल, सी अरविंद मामले में आरोपी नहीं हैं. इसके अलावा भी कई अन्य पहलुओं पर जांच की जानी है.
वहीं, मनीष सिसोदिया की तरफ से बचाव पक्ष ने रिमांड बढ़ाए जाने का विरोध किया. दलील दी गई कि अब तक की तफ्तीश में ईडी कुछ विशेष नहीं निकाल पाई है. फिर पांच दिन में ऐसा क्या साक्ष्य एकत्रित कर लेगी. बचाव पक्ष का कहना था कि यह उनके मुवक्किल को बेवजह परेशान करने का तरीका है.
सिसोदिया ने जांच की बात आते ही फोन बदला ईडी
ईडी ने रिमांड याचिका में खुलासा किया कि जिस दिन उपराज्यपाल ने आबकारी नीति की जांच को लेकर सीबीआई को लिखा, उसी दिन सिसोदिया ने अपना मोबाइल फोन बदल दिया. ब्योरा P04
26 फरवरी से गिरफ्त में
ईडी ने नौ मार्च को सिसोदिया को तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया था. यहां वे आबकारी नीति से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से बंद हैं. इसी मामले में सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था.