लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों और अफसरों के तबादले में हुई धांधली की पहली गाज उत्तर प्रदेश के विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद के विशेष कार्याधिकारी अनिल कुमार पांडेय पर गिरी है. इन्हें तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करते हुए भारत सरकार को वापस करने का आदेश शासन ने जारी कर दिया है.
एके पांडेय के खिलाफ विभाग में हुए तबादले में भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें मिली थीं. उन्हें केंद्र सरकार को वापस करते हुए उनके खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान की जांच कराने की केंद्र से संस्तुति की गई है. यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित तीन आईएएस अधिकारियों की कमेटी की सिफारिश पर की गई है.
अवर सचिव उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत सरकार में तैनात अनिल कुमार पांडेय नई सरकार के गठन के बाद प्रतिनियुक्ति पर यूपी सरकार में आए थे. इन्हें लोक निर्माण विभाग में विशेष कार्याधिकारी पद पर तैनाती दी गई थी. तीन वरिष्ठ आईएएस की जांच टीम को तबादले में गड़बड़ियां मिली हैं.
तबादले में अनियमितताओं की थीं शिकायतें
तबादले में की गई धांधली की शिकायत करने वालों ने उन अफसरों और अभियंताओं के नामों की सूची दी थी, जो 15-20 साल से एक ही स्थान और जिले में जमे हैं. यह भी बताया था कि अवर अभियंता के तबादले के 9 आदेश 29 जून और 7 आदेश 30 जून को किया जाना दर्शाया गया है, जबकि पहले 4 आदेश दो जुलाई, दूसरे छह आदेश तीन जुलाई, पांच आदेश चार और एक आदेश सात जुलाई को किया गया.
602 1 minute read