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मुकेश अंबानी की बड़ी डील: इस कंपनी में 1.2 करोड़ डॉलर में खरीदी हिस्सेदारी, रिलायंस ने दी जानकारी

मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा है कि कैलिफोर्निया स्थित सोलर एनर्जी सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी सेंसहॉक (SenseHawk) को खरीदेगी. इस खरीद के लिए रिलायंस और सेंसहॉक के बीच 320 लाख डॉलर यानी कि 256 करोड़ रुपये की डील फाइनल हो चुकी है. रिलायंस इंडस्ट्रीज सेंसहॉक में 79.4 परसेंट का मेजोरिटी शेयर खरीदेगा. इस डील से साफ जाहिर होता है कि मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है. रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने तेल और केमिकल बिजनेस को कम कर सोलर या हाइड्रोजन एनर्जी के क्षेत्र में कदम बढ़ा रही है.

अमेरिकी कंपनी सेंसहॉक की स्थापना 2018 में कैलिफोर्निया में की गई थी. यह कंपनी सोलर इंडस्ट्री के लिए औजार बनाती है जिसका इस्तेमाल स्ट्रिमलाइन प्रोसेस और ऑटोमेशन में किया जाता है. पिछले वित्त वर्ष में सेंसहॉक का टर्नओवर 23 लाख डॉलर था. एक बयान में रिलायंस ने कहा, सेंसहॉक में अधिकांश हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक करार हुआ है. इसकी कुल ट्रांजैक्शनल वैल्यू 320 लाख डॉलर है. इसी पैसे में कंपनी की ग्रोथ और नए-नए प्रोडक्ट की लॉन्चिंग भी शुरू की जाएगी. सेंसहॉक सोलर प्रोजेक्ट को शुरू करने के साथ ही सोलर प्रोडक्ट की प्लानिंग और प्रोडक्शन का काम भी देखती है. अन्य सोलर कंपनियों को ऑटोमेशन में भी मदद करती है.

क्या है रिलायंस का प्लान?

रिलायंस गुजरात के जामनगर में एक विश्वस्तरीय, एकीकृत फोटोवोल्टिक गीगा फैक्ट्री स्थापित कर रही है. इस निवेश के साथ ही रिलायंस, कैलक्स के उत्पादों का लाभ उठा सकेगी और ‘अधिक शक्तिशाली’ और कम लागत वाले सौर मॉड्यूल्स का उत्पादन कर सकेगी. इस निवेश के बारे में बात करते हुए, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी, मुकेश डी अंबानी ने कहा, “कैलक्स में निवेश ‘विश्व स्तरीय हरित ऊर्जा निर्माण’ ईको सिस्टम बनाने की हमारी रणनीति के अनुरूप है. हमारा मानना है कि कैलक्स की पेरोव्स्काइट-आधारित सोलर टैक्नोलॉजी और क्रिस्टलीय सौर मॉड्यूल, हमें अगले चरण तक पहुंचने में मदद करेंगे. हम इसके उत्पाद विकास और इसकी प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण में तेजी लाने के लिए कैलक्स टीम के साथ काम करेंगे. कैलक्स कॉर्पोरेशन के सीईओ, स्कॉट ग्रेबील ने रिलायंस के एक प्रमुख निवेशक के रूप में शामिल होने पर खुशी जताते हुए कहा कि “हम क्रिस्टलीय सौर मॉड्यूल को अधिक कुशल और किफायती बनाने और अपनी विनिर्माण क्षमताओं के विस्तार पर ध्यान देंगे. हम रिलायंस की वैश्विक विस्तार योजनाओं और उत्पाद रोडमैप का सपोर्ट करते हैं. इस सौदे के लिए किसी नियामक के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी और सितंबर 2022 के अंत तक इसके पूरा होने की उम्मीद है.

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