नई दिल्ली. सीनियर एड्वोकेट मुकुल रोहतगी एक बार फिर भारत के एटॉर्नी जनरल का पद संभाल सकते हैं. खबर है कि एजी तलाश रही सरकार ने रोहतगी के नाम पर मुहर लगा दी है. वह इससे पहले भी भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) सरकार में 2014 से 2017 के बीच एजी की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
मौजूदा अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है. 91 वर्षीय वेणुगोपाल को 30 जून, 2017 को देश के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था.
सूत्रों ने कहा कि रोहतगी देश के शीर्ष अदालत के वकीलों में से एक हैं. उन्होंने शीर्ष पद संभालने के लिए अपनी सहमति दे दी है. उन्हें पहली बार 2014 में तीन साल के कार्यकाल के लिए अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया था. वेणुगोपाल ने हाल ही में कहा था कि वह अपना मौजूदा कार्यकाल पूरा होने के बाद शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में काम जारी नहीं रख सकते.
रोहतगी से भी जारी रही सरकार की चर्चा
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि साल 2017 में रोहतगी के दफ्तर छोड़ने के बाद भी सरकार आर्टिकल 370 को खत्म करने समेत कई मुद्दों पर चर्चा करती रही है. भारत के हाई प्रोफाइल वकीलों में शुमार रोहतगी गुजरात दंगा जैसे कई बड़े केस लड़ चुके हैं. उस दौरान उन्होंने अदालत में गुजरात सरकार का पक्ष रखा था.