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मेरा मकसद पीएम या सीएम बनना नहीं है बल्कि वह बिहार को अग्रणी राज्यों में देखना हैः प्रशांत किशोर

पटना। कभी एक-दूसरे के करीबी रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. बीते दिनों दोनों के बीच जुबानी जंग देखने को मिली थी लेकिन अब प्रशांत ने अपना मकसद साफ किया है. प्रशांत किशोर शुक्रवार को सीमांचल के अपने दौरे पर पूर्णिया पहुंचे और उन्होंने कहा कि उनका मकसद पीएम या सीएम बनना नहीं है बल्कि वह बिहार को अग्रणी राज्यों में देखना चाहते हैं. उन्होंने इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब तक सामूहिक प्रयास नहीं होगा, कोई व्यक्ति या कोई दल अकेले बिहार को आगे नहीं बढ़ा सकता है, इसलिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है.

समझौते से हासिल कर सकता था पद

प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर कहा, ‘मेरा मकसद सीएम या पीएम बनना नहीं है. मैं अपने जीवनकाल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में देखना चाहता हूं. मैंने देश के कई राज्यों में काम किया है और बिहार उनके मुकाबले बहुत पीछे है.’ उन्होंने कहा कि सीएम या पीएम बनना होता तो किसी पार्टी से कुछ जोड़-तोड़ या समझौता कर भी बन सकता था. मेरा मकसद बिहार के अच्छे लोगों को राजनीति में लाने का है. मैं सत्ता नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्ष करने का प्रयास कर रहा हूं.

प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के एक महीने के भीतर सामूहिक रूप से यह तय होगा कि आगे राजनीतिक दल बनाना है या नहीं बनाना है. उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर ही आगे का रास्ता तय करेंगे और यह प्रकिया पूरे तौर पर लोकतांत्रिक व सामूहिक होगी. आगे की रणनीति पर विजन पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा हम चाहते हैं कि 2034 तक बिहार विकास के सभी मापदंडों पर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो.

फेविकोल की तरह हैं नीतीश कुमार

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर फेविकोल कंपनी वाले मुझसे मिलेंगे तो मैं उनको सलाह दूंगा कि नीतीश कुमार को अपना ब्रांड एंबेसडर बना लें. किसी की भी सरकार हो, लेकिन वो कुर्सी से चिपके हुए रहते हैं. नीतीश कुमार के हालिया आरोप पर प्रशांत किशोर ने पलटवार करते हुए कहा कि एक महीने पहले तक 90 डिग्री के कोण पर झुक कर वो प्राणाम कर रहे थे, वो अगर किसी को बीजेपी की बी टीम कह रहे हैं तो ये हास्यास्पद है. आप खुद उनके साथ थे और कल फिर से कहां जाएंगे कोई नहीं जानता.

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता है, बिहार की हालिया राजनीतिक घटना का राष्ट्रीय राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने संभावना जताते हुए कहा था कि प्रशांत किशोर बीजेपी को मदद पहुंचाना चाह रहे होंगे. किशोर कटिहार और पूर्णिया में जन सुराज के कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और लोगों से जन सुराज की सोच के बारे में संवाद स्थापित किया, पीके फिलहाल जन सूरज यात्रा पर हैं. वह पहले जेडीयू में शामिल हो गए थे क्योंकि नीतीश को बिहार चुनाव जिताने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती रही है.

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