NASA के बहुप्रतिक्षित मून मिशन (NASA Moon Mission) की शुरुआत हो चुकी है. स्पेस लान्च सिस्टम (SLS/Space Launch System) के जरिए Artemis 1 और Orion Capsule लगातार अपनी मंजिल की तरफ आगे बढ़ रहे हैं. इस सफर में Orion Capsule ने धरती की पहली तस्वीर (1st image of Earth) भेजी है. Orion Capsule ने 92 हजार किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी की पहली तस्वीर भेज दी है. वहीं यान 8,800 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चांद के आर्बिट की तरफ आगे बढ़ रहा है.
यह नासा के आर्टेमिस चंद्र कार्यक्रम का पहला मिशन है. नासा 2025 में अपने तीसरे मिशन द्वारा अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने की योजना पर काम कर रहा है. नासा ने चांद के समीप जाने से पहले उसकी सतह से 60 मील ऊपर ओरियन उपग्रह से परीक्षण की योजना बनाई है.
अगर आर्टेमिस-1 सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंच जाता है तो ये परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. मिशन के दौरान ओरियन 10 छोटे उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में स्थापित करेगा जिन्हें क्यूबसैट के नाम से जाना जाता है. इनमें से ही एक में खमीर होगा जो ये देखने के लिए होगा कि चांद पर माइक्रोग्रेविटी और विकिरण वातावरण सूक्ष्मजीवों के विकास को किस तरह से प्रभावित करते हैं. इस दौरान आइसक्यूब चांद की परिक्रमा करेगा और चांद पर बर्फ के भंडार की खोज करेगा और जिसका उपयोग भविष्य में चांद पर जाने वाले यात्री कर पाएंगे.
नासा के मुताबिक Orion Capsule पर दो और कैमरे लगाए गए हैं. इनमें से एक कैप्सूल का फ्रंट व्यू दिखाता है और दूसरा इसके टाप पर लगा ये लैंडिंग के दौरान पैराशूट की साथ लगाया गया है. Orion Capsule ने धरती की जो पहली तस्वीर नासा को उपलब्ध कराई है उसमें इसका इंजन, इसमें लगे सोलर पैनल भी दिखाई दे रहे हैं. इस यान में इस तरह के चार सोलर पैनल हैं जो सूरज की रोशनी से ऊर्जा लेंगे और इस यान को चांद के आर्बिट में पहुंचाने और बाकी चीजों में मदद करेंगे. नासा का कहना है कि अगले 5 दिनों तक आर्टिमिस 1 चांद की तरफ बढ़ेगा और 21 नवंबर को ये चांद के सबसे करीब पहुंच जाएगा. कुछ दिन चांद के आर्बिट में बिताने के बाद 11 दिसंबर को इसकी वापसी का सफर शुरू हो जाएगा. इस यान का सफर करीब 25 दिनों का होगा.
अंतरिक्ष यान को धीरे करने के लिए ओरियन अपने ऑनबोर्ड थ्रस्टर्स को फायर करेगा और चांद के गुरुत्वाकर्षण को इसे कक्षा में पकड़ने में मदद करेगा. इस चरण के दौरान ओरियन चांद से करीब 70 हजार किलोमीटर की यात्रा करेगा और पृथ्वी से अब तक की सबसे ज्यादा दूरी पर पहुंचेगा. इस दौरान अगर इसमें अंतरिक्ष यात्री होते तो उन्हें दूर से पृथ्वी और चांद का भव्य दृश्य दिखाई देता. ओरियन चांद की कक्षा में छह से 23 दिन बिताकर चांद की कक्षा से बाहर निकलने के लिए एक बार फिर अपने थ्रस्टर्स को फायर करेगा और खुद को पृथ्वी प्रक्षेपवक्र पर वापस लाएगा.