मुंबई. भारतीय नौसेना ने परियोजना 17-ए के तहत बने तीसरे युद्धपोत तारागिरी का रविवार को मुंबई में जलावतरण किया.
मझगाव डाक शिप बिल्डर्स ने एक बयान में कहा कि यह युद्धपोत एक एकीकृत निर्माण पद्धति का उपयोग कर बनाया गया है. युद्ध पोत का नाम नेवी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (पश्चिमी क्षेत्र) की अध्यक्ष चारु सिंह, वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह, एफओसी-इन-सी पश्चिमी नौसेना कमान की पत्नी ने रखा है. अजेंद्र बहादुर इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे.
तारागिरी का निर्माण 10 सितंबर, 2020 को शुरू हुआ था और इसकी आपूर्ति अगस्त 2025 तक होने की उम्मीद की जा रही है. इस पोत का भार 3,510 टन है. इसका निर्माण मेक इन इंडिया के तहत हुआ है. इसे भारतीय नौसेना के इन-हाउस डिजाइन संगठन, ब्यूरो ऑफ नेवल डिजाइन ने डिजाइन किया है. एमडीएल ने जहाज के डिजाइन और निर्माण का काम किया है, जिसकी देखरेख युद्धपोत निगरानी दल (मुंबई) भी करता है.
कई सुविधाओं से लैस
इस पोत में अत्याधुनिक हथियार, सेंसर, उन्नत सूचना प्रणाली समेत कई अन्य उन्नत सुविधाएं होंगी. इसे सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली से लैस किया गया है. दुश्मनों के विमानों और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों के खतरे का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किए गए इस जहाज की वायु रक्षा क्षमता वर्टिकल लॉन्च और लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली के आस-पास होगी.