पटना। बिहार (Bihar) में भाजपा को JD (U) के पटखनी देने का बदला भगवा दल ने मणिपुर (Manipur) में चुकता कर लिया है. जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी मणिपुर में टूट का शिकार हो गई है. जदयू के 5 विधायक एकसाथ पार्टी छोड़कर राज्य में सत्ताधारी भाजपा में शामिल हो गए हैं. इन विधायकों ने दो तिहाई से ज्यादा होने के चलते जदयू की राज्य इकाई का विलय भाजपा में कर लिया है. इस बात की घोषणा शुक्रवाार को मणिपुर विधानसभा के सचिव के. मेघजीत सिंह (K Meghajit Singh) ने की. इसे नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
इसी साल चुनाव जीते थे पांचों विधायक
भाजपा में शामिल होने वाले जदयू विधायकों में केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अकबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरूण कुमार शामिल हैं. इन सभी ने इसी साल मार्च में हुए चुनावों के दौरान जीत हासिल की थी. विधानसभा चुनावों में जदयू के कुल 6 विधायक जीते थे. जदयू ने यहां भाजपा नेतृत्व वाले NDA के बजाय अकेले उतरते हुए 38 सीट पर चुनाव लड़ा था. इन पांच विधायकों में से खाउटे और अरूण कुमार पहले भाजपा में ही थे, लेकिन विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने जदयू जॉइन कर ली थी. अब मणिपुर में जदयू का एक ही विधायक बाकी रह गया है.
क्या कहा विधानसभा सचिव ने
विधानसभा सचिव के. मेघजीत सिंह ने कहा कि संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत जदयू के पांच विधायकों ने पार्टी की राज्य इकाई का भाजपा में विलय करने का दावा किया था. इस दावे को विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार करते हुए पांचों विधायकों को भाजपा विधायक के तौर पर मान्यता दे दी है.
अरुणाचल में भी दे चुकी है जदयू को भाजपा झटका
यह पहला मौका नहीं है, जब भाजपा ने जदयू के विधायक तोड़े हैं. इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में भी 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने जीतने वाले जदयू विधायकों को अपने खेमे में तोड़ लिया था. अरुणाचल में भाजपा ने सबसे ज्यादा 41 सीट जीती थी, जबकि 7 सीटों पर जीत के साथ जदयू दूसरे नंबर पर रही थी. बाद में जदयू के 6 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे. जदयू के शेष बचे इकलौते विधायक तेकी कासो को भी पिछले महीने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करा दी थी. बिहार में भाजपा और जदयू के अलगाव के बाद हुई इस कार्रवाई को नीतीश से बदले की कार्रवाई माना गया था.