नई दिल्ली। टू-व्हीलर इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लगने की घटनाओं के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने बैटरी सुरक्षा मानकों (Battery Safety Standard) में एक्सट्रा सेफ्टी प्रोविजन लागू किया है. ये मानक एक अक्टूबर से लागू होंगे. मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार बदलाव में बैटरी, ‘ऑन-बोर्ड चार्जर’, ‘बैटरी पैक’ का डिजाइन और इंटरनल सेल शॉर्ट सर्किट से आग लगने के कारण थर्मल प्रसार से संबंधित अतिरिक्त सुरक्षा आवश्यकताएं शामिल है.
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में आग लगने के बाद सरकार का कदम
एक अक्टूबर, 2022 से इस सेग्मेंट के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये संशोधित मानकों को अनिवार्य करने की अधिसूचना पर तेजी से काम चल रहा है. गौरतलब है कि इस साल अप्रैल में ओला इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक और प्योर जैसे इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में आग लगने के मामले सामने आए थे. इन घटनाओं को देखते हुए सरकार ने एक समिति गठित की थी.
एआईएस 156 में संशोधन जारी किये
विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के आधार पर मंत्रालय ने 29 अगस्त, 2022 को एआईएस (वाहन उद्योग मानक) 156 में संशोधन जारी किये हैं. इन संशोधनों में इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन (इंजन) के साथ एल श्रेणी के मोटर वाहनों के लिये विशिष्ट आवश्यकताएं और एम श्रेणी और एन श्रेणी के मोटर वाहनों की इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन के लिये जरूरतें शामिल हैं.
एल श्रेणी के मोटर वाहन वे हैं जिसमें चार से कम पहिये हैं जबकि एम श्रेणी के वाहन वे हैं जिनमें कम-से-कम चार पहिये होते हैं और जिनका उपयोग यात्रियों को लाने-ले जाने के लिये किया जाता है. वहीं एन श्रेणी के वाहन वे हैं जिनमें कम-से-कम चार पहिये होते हैं और जिनका उपयोग माल ढुलाई के अलावा व्यक्तियों को लाने-ले जाने में भी किया जा सकता है.