नई दिल्ली. केंद्र गुजरात में लगभग 1,000 गाय-भैंसों की मौत के बीच मवेशियों में ढेलेदार त्वचा रोग (लंपी स्किन डिजीज) के प्रसार की बारीकी से निगरानी कर रहा है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी.
ढेलेदार त्वचा रोग (एलएसडी) की स्थिति और नियंत्रण के लिए किए गए उपायों की समीक्षा के लिए केंद्र द्वारा गुजरात और राजस्थान के लिए विशेष दल भेजे गए हैं. इन दोनों राज्यों में मवेशियों की आबादी में एलएसडी फैलने की खबरें आई हैं. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने स्थिति की समीक्षा की है. मंत्रालय ने इन दो राज्यों में समीक्षा के लिए केंद्रीय टीमों को भेजा है. ये दल सोमवार से दौरे पर हैं. गुजरात सरकार ने रविवार को कहा था कि इस बीमारी से राज्य में कुल 999 मवेशियों, खासकर गाय और भैंस की मौत हुई है.
ढेलेदार त्वचा एक वायरल बीमारी
ढेलेदार त्वचा एक वायरल बीमारी है जो मच्छरों, मक्खियों, जूँ और ततैया द्वारा मवेशियों के सीधे संपर्क में आने और दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलती है. जानवरों में बुखार, आंखों और नाक से स्राव, मुंह से लार आना, पूरे शरीर में गांठ जैसे नरम छाले, दूध उत्पादन कम होना हैं, जो कभी-कभी जानवर की मौत का कारण बनते हैं.
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