नई दिल्ली . लोकसभा में विपक्षी ताकत बढ़ने के साथ डिप्टी स्पीकर पद के लिए सरकार पर दबाव बढ़ने लगा है. विपक्ष से सपा के फैजाबाद (अयोध्या) सांसद अवधेश प्रसाद का नाम सामने आया है. टीएमसी और आम आदमी पार्टी ने तो उनका समर्थन भी कर दिया है. हालांकि, सरकार और विपक्ष में भी अभी इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है.
सरकार को इसे लेकर कोई जल्दबाजी नहीं है और एनडीए ने इस बारे में फैसला भाजपा नेतृत्व पर छोड़ा हुआ है. पिछली लोकसभा में किसी को भी डिप्टी स्पीकर नहीं बनाया गया था. उस समय भाजपा व एनडीए के पास भारी बहुमत था और लोकसभा स्पीकर ने पीठासीन पैनल के जरिए पूरे पांच साल सभा का संचालन किया था. हालांकि, इस बार हालात बदले हुए हैं. लोकसभा स्पीकर के निर्वाचन के लिए सर्वसम्मति के बजाय चुनाव का सहारा लेना पड़ा. उस समय ही विपक्ष ने डिप्टी स्पीकर के लिए अपना दावा किया और लोकसभा स्पीकर के लिए सत्ता पक्ष का समर्थन करने के लिए इसकी शर्त भी रखी थी, जिसे सत्तापक्ष ने मानने से इनकार कर दिया था.
मामला बजट सत्र तक जाने की संभावना अब विपक्ष ने पहले ही सत्र से डिप्टी स्पीकर के लिए मुहिम शुरू कर दी है. हालांकि, सरकार ने अभी तक इसके लिए कोई पहल नहीं की है. यह मामला अगले बजट सत्र में चर्चा में आ सकता है. सूत्रों के अनुसार, विपक्ष के लोकसभा स्पीकर के लिए चुनाव कराए जाने के बाद सत्तापक्ष अब डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को देने के पक्ष में नहीं है. अगर डिप्टी स्पीकर बनाया जाता है तो यह पद एनडीए में भाजपा के सहयोगी को जा सकता है. संभावना है कि टीडीपी को यह पद दिया जा सकता है. इसके अलावा एक और विकल्प शिवसेना शिंदे गुट का भी है. हालांकि, भाजपा के किसी भी सहयोगी ने अभी तक इस बारे में रुचि नहीं दिखाई है.