बिजनेस न्यूज। कोविड लॉकडाउन (Covid Lockdown) खुलने के बाद से एडुटेक स्टार्टअप (Edu Tech Startup) के हालात खस्ता है. कई बड़ी-बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. अनअकेडमी ( Unacademy), बायजूस (Byju’s) और भी कई एडुटेक स्टार्टअप ने पिछले एक साल में हजारों की संख्या में अपने एम्पलाई को नौकरी से निकाल दिया है. इसके पीछे कंपनियों का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में ग्रोथ कम है. इसकी वजह से लोगों की परचेजिंग पॉवर कम हो रही है. हालांकि, इसके अलावा मुख्य वजह ये है कि इन कंपनियों को कई विदेशी बैंको के द्वारा फंडिंग की जा रही थी, अब इन विदेशी बैंको ने अपना निवेश खींच लिया है. इस खबर में बताया गया है कि एडटेक स्टार्टअप लीडो लर्निंग ने दिवालिया मामले पर क्या कहा?
नामी निवेशकों का पैसा लगा
लीडो लर्निंग एडटेक फर्म ने कुछ महीनों पहले ही अचानक 1,200 कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए कहा था और अब खबर आ रही है कि कंपनी दिवाला प्रक्रिया में जाने वाली है. आपको बता दें कि इस स्टार्टअप में अपग्रेड (Upgrad) के फाउंडर रोनी स्क्रूवाला, पेटीएम (Paytm) के फाउंडर विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) और शादी.कॉम (Shadi.com) के अनुपम मित्तल जैसे दिग्गज बड़े-बड़े निवेशकों ने पैसा लगा रखा था.
कोरोनाकाल के बाद हुई आफत
कंपनी ने दिवाला प्रक्रिया फाइल करते समय कहा है कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 की धारा 10 के मुताबिक, कंपनी अपने लोन का भुगतान करने में असमर्थ है, इस लिए कंपनी डिफॉल्ट कर रही है. यह फैसला शेयरधारकों की सहमति द्वारा लिया गया है. आपको बता दें कि कई स्टार्टअप ने 2022 की शुरुआत के बाद से हजारों कर्मचारियों की छंटनी की है. पिछले दो सालों में कोरोनाकाल के बाद कम भर्ती की गई है. क्योंकि स्टार्टअप कंपनी को फंडिंग नहीं मिलना और कर्ज बढ़ने के चलते बोझ बढ़ता चला जा रहा है.
एडटेक सेक्टर में छंटनी
एडटेक सेक्टर में सबसे ज्यादा छंटनी की जा रही है. दुनिया की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी बायजूस ने भी बड़े पैमाने पर छंटनी की है. बायजूस ने पिछले साल 15 करोड़ डॉलर में टॉपर Toppr को खरीदा था. इसके अलावा बायजूस ने अगस्त 2020 में वाइटहैट जूनियर को भी 30 करोड़ डॉलर में खरीदा था. पिछले कुछ महीनों में Unacademy, Lido Learning, Vedantu सहित कई एडटेक कंपनियों ने कर्मचारियों की छंटनी की है.