श्रीनगर. अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार को तबाही का मंजर देखने को मिला. यहां शाम करीब साढ़े पांच बजे अचानक बादल फटने से तबाही देखने के मिली. इस घटना में 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग अभी लापता हैं. इनकी तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. मौके पर NDRF और ITBP की टीमें डटी हुई हैं. सोनमर्ग बालटाल बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है.
भारतीय सेना हेलीकॉप्टर के जरिए घायलों को सुरक्षित स्थानों और अस्पतालों में ले जा रही है. सीएमओ गांदरबल डॉक्टर अफरोजा शाह ने बताया कि सभी घायलों का तीनों बेस अस्पतालों में इलाज चल रहा है. ऊपरी पवित्र गुफा, निचली पवित्र गुफा, पंजतरणी और आसपास की अन्य सुविधाएं ली जा रही हैं. घायल मरीजों के इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है. वहीं, एक तीर्थयात्री ने बताया, ‘हमें आज के लिए यहां टेंट में रहने के लिए कहा गया है क्योंकि वहां (अमरनाथ गुफा) मौसम साफ नहीं है.’
वहीं, तीर्थयात्रियों के कुछ जत्थों को जम्मू बेस कैंप और कश्मीर के बालटाल और पहलगाम कैंप शिविरों में भेजा गया है. तीर्थयात्रियों ने बताया, “हम पहलगाम शिविर की ओर जा रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि यात्रा फिर से शुरू होगी. हम बाबा भोलेनाथ से सभी तीर्थयात्रियों की रक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं.’ भारतीय सेना अमरनाथ गुफा स्थल पर बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र में लगातार बचाव अभियान चला रही है.
गर्जना के बाद फटा बादल
तबाही आने के दौरान लंगर के पास लगे टेंट में मौजूद एक तीर्थयात्री ने केशव कुमार ने बताया कि गर्जना के कुछ समय बाद ही पानी की तेज आवाज आने लगी. पानी की एक बड़ा सैलाब पवित्र गुफा की बाईं ओर ऊपर से नीचे की तरफ बहने लगा. गुफा के सामने बहने वाले नाले में अन्य कई जगहों से तेज रफ्तार में पानी का बहाव आने लगा था. जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक कई लोग उसकी चपेट में आ गए. उन्होंने कहा कि पानी का बहाव इतना तेज था कि तीर्थयात्रियों का टेंट भी उखाड़ ले गया.