दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) का लोकार्पण किया. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जिस धरती ने अनगिनत शूरवीर पैदा किए, जहां के खून में भारत भक्ति बहती है और बेटे-बेटियों के पराक्रम ने हमेशा देश का नाम रोशन किया है उस बुंदेलखंड की धरती को आज एक्सप्रेसवे का उपहार देते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है.’ यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के पिछड़े इलाकों में से एक बुंदेलखंड को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway) से जोड़ेगा.
296 किलोमीटर लंबी इस सड़क को उत्तर प्रदेश सरकार ने सिर्फ 28 महीनों में पूरा किया है. बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे झांसी के डिफेंस कॉरिडोर (Jhansi Defence Corridor) को भी दिल्ली से जोड़ने के काम करेगा. यूपी सरकार (UP Government) का कहना है कि अभी 7 और एक्सप्रेसवे के निर्माण का काम चल रहा है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार केन्द्र सरकार देश भर में कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसकी एक प्रमुख विशेषता सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने की दिशा में काम करना है. इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में पीएम मोदी द्वारा 29 फरवरी 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया था. इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा किया गया है और अब इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया.
UP के 7 जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
बता दें कि कुल 296 किलोमीटर लंबे इस चार लेन वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के तत्वावधान में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है. यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है. यह एक्सप्रेसवे 7 जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है.
इस एक्सप्रेसवे पर पड़ेंगे 6 टोल प्लाजा
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे फिलहाल फोर लेन है लेकिन इसे छह लेन तक बढ़ाया जा सकता है. एक्सप्रेसवे के आसपास के गांवों के लोगों की सुविधा के लिए इसके एक तरफ 3.75 मीटर की सर्विस रोड भी बनाई गई है. इटावा से चित्रकूट के बीच यह एक्सप्रेसवे बागेन, केन, श्यामा, चंदावल, बिरमा, यमुना, बेतवा और सेंगर नदियों को पार करता है. इसपर कुल 4 रेलवे ओवर ब्रिज, 14 बड़े पुल, 266 छोटे पुल, 18 फ्लाईओवर, 6 टोल प्लाजा और 7 रैंप प्लाजा बनाए गए हैं.