
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना को लॉन्च किया. दिल्ली के द्वारका स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल कंवेंशन एंड एक्सो सेंटर’ (IICC) में आयोजित हुए कार्यक्रम में योजना को लॉन्च किया गया. पीएम मोदी ने कहा कि ये योजना उम्मीद की नई किरण है. उन्होंने विभिन्न कलाकारों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट भी सौंपे. उन्होंने ‘यशोभूमि’ के तौर पर जाने जाने वाले IICC को भी देश को सौंपा.
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज भगवान विश्वकर्मा की जयंती है. ये दिन हमारे पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्पित है. मैं समस्त देशवासियों को विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएं देता हूं. उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से ही आज प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू हुई है. हाथ के हुनर से, औजारों से काम करने वाले लाखों परिवार के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना उम्मीद की एक नई किरण बनकर आ रही है.
कैसे कर सकते हैं आवेदन?
अगर आप प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में आवेदन करना चाहते हैं, तो इसके लिए आप अपने नजदीकी जनसेवा केंद्र पर जा सकते हैं और कुछ दस्तावेजों की मदद से आवेदन कर सकते हैं.
कहां मिलेगी योजना की सारी जानकारी?
अगर आप भी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से जुड़ना चाहते हैं या इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो आप पीएम विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जा सकते हैं.
कम शब्दों में समझें योजना को:-
कुल 13 हजार करोड़ रुपये का फंड बनेगा
पारंपरिक काम करने वालों को फायदा
बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी
5 फीसदी की दर से लोन मिलेगा
3 लाख रुपये तक का लोन
18 करोबार योजना में शामिल किए गए हैं
कारीगरों ओर शिल्पकारों को लाभ मिलेगा .
‘यशोभूमि के काम में नजर आया विश्वकर्मा भाई-बहनों का तप’
द्वारका में बनाए गए ‘यशोभूमि’ को देश को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश को इंटरनेशनल एक्जीबिशन सेंटर-यशोभूमि भी मिल रहा है. जिस प्रकार का काम यहां हुआ है, उसमें मेरे विश्वकर्मा भाई-बहनों का तप नजर आता है, तपस्या नजर आती है. ‘यशोभूमि’ में एक साथ 11 हजार लोग बैठ सकते हैं. इसमें मेन हॉल, ग्रैंड बॉलरूम समेत 8 मंजिला ये इमारत 73 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा में बनी हुई है. इसमें 15 कंवेंशन रूम और 13 मीटिंग रूम भी बनाए गए हैं. यहां न सिर्फ बैठकों का आयोजन हो सकता है, बल्कि सम्मेलन और प्रदर्शनियां भी आयोजित की जा सकती हैं.
दुनिया तक पहुंचेगी विश्वकर्मा साथियों की शिल्प कला
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंन उन हजारों विश्वकर्मा साथियों को बताना चाहता हूं कि गांव-गांव में आप जिस शिल्प का सृजन करते हैं, उसको दुनिया तक पहुंचाने में ये बहुत बड़ा बाइब्रेंट सेंटर, सशक्त माध्यम बनने वाला है. ये आपकी कला, आपके कौशल को दुनिया के सामने शोकेस करेगा. ये भारत के लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों से जो साथी भारत की समृद्धि के मूल में रहे हैं, वो हमारे विश्वकर्मा ही हैं. जैसे हमारे शरीर में रीढ़ की हड्डी की भूमिका होती है, वैसे ही सामाजिक जीवन में इन विश्वकर्मा साथियों की भूमिका होती है.