
रेलवे बोर्ड के मेंबर्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, 1257 यात्री रिजर्व कोरोमंडल एक्सप्रेस में बैठे थे जबकि 1039 रिजर्व पेसेंजर यशवंत एक्सप्रेस में थे. अपलाइन में कोरोमंडल एक्सप्रेस फ़ुल स्पीड से आ रही थी और स्टेशन पर रुकना नहीं था. जबकि डाउनलाइन में यशवंत एक्सप्रेस आ रही यशवंतपुर से हावड़ा की ओर जा रही थी. कॉमन लूप में मालगाड़ी खड़ी थी. ग्रीन सिग्नल कोरोमंडल एक्सप्रेस को मिली थी. कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतरी गई और कुछ डिब्बे मालगाड़ी से टकरा गए. कुछ डब्बे यशवंतपुर एक्सप्रेस से टकराए जिसके बाद हादसा हुआ. हादसे की वजह कोरोमंडल का डीरेल होना है जिसकी वजह से बाक़ी दोनों ट्रेन चपेट में आयी.”
बालेश्वर में हुए दर्दनाक हादसे के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओडिशा आ रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री हादसे वाली जगह पर जाएंगे. इसके बाद वे बालेश्वर सदर अस्पताल एवं कटक एससीबी मेडिकल कालेज का भी दौरा करेंगे.
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी शनिवार की सुबह दुर्घटनास्थल पर पहुंचे. रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे, NDRF, SDRF की टीम बचाव कार्य में जुटी है. फिलहाल, हमारा ध्यान बचाव कार्य पर है. राहत और बचाव कार्य खत्म होने के बाद ही बहाली का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. पहले से ही बहाली के लिए मशीनें तैनात हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शनिवार को दुर्घटनास्थल पर पहुंचीं. उन्होंने कहा कि इस ट्रेन में एंटी कोलिशन डिवाइस नहीं था. अगर वह होता तो यह हादसा नहीं होता. हमारे राज्य के जिन लोगों की इस हादसे में मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को हम पांच-पांच लाख रुपए देंगे.