नई दिल्ली. सरकार जल्द ही छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को लेकर फैसला ले सकती है. इस महीने ब्याज दरों की समीक्षा होगी. उम्मीद की जा रही है कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) की ब्याज दरों में वृद्धि हो सकती है. सरकार ने अप्रैल 2020 से पीपीएफ खाते की ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है.
सरकार हर तीन माह में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करने के बाद उन्हें संशोधित करती है. पिछली बार वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) के लिए ब्याज दरें 31 मार्च को बढ़ाई गई थीं. वित्त मंत्रालय ने सुकन्या समृद्धि योजना से लेकर राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, किसान विकास पत्र, डाक घर की बचत योजनाओं और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की ब्याज दरों में 0.70 फीसदी तक का इजाफा किया था. लेकिन पीपीएफ खाते की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था.
कोरोना काल में सरकार ने किया था दरों में संशोधन
देश में एक अप्रैल 2020 से पहले पीपीएफ की ब्याज दर 7.9 फीसदी थी. कोरोना काल में सरकार ने अप्रैल-सितंबर 2020 तिमाही में कई बचत योजनाओं की ब्याज दरों में संशोधन करके उन्हें घटा दिया था. तब से पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 फीसदी पर बनी हुई है. इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार लगभग तीन साल बाद पीपीएफ की ब्याज दर में बढ़ोतरी कर सकती है.