वृंदावन . ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में चूहों के कारण फर्श धंसने की स्थिति में है. मंदिर प्रबंधन बॉक्स रखकर और चूहों द्वारा खोदी मिट्टी हटाकर काम चला रहा है. कई बार तो मंदिर में जहां-तहां टहल रहने चूहे श्रद्धालुओं के पैरों के बीच आ जाते हैं, इससे भगदड़ की स्थिति बनती है. खोखला होने के कारण पहले एक बार फर्श धंस भी चुका है.
विश्व प्रसिद्ध बांकेबिहारी महाराज मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सहूलियत मुहैया न करा पाने वाला मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन चूहों के आतंक से भी राहत नहीं दिला पा रहा है. चूहे न सिर्फ मंदिर को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं को भी मुसीबत में डाल रहे हैं. मंदिर के अंदर जब भीड़ चल रही होती है तो चूहे श्रद्धालुओं के पैरों के ऊपर से निकल जाते हैं. इससे श्रद्धालु सकपका जाते हैं. कई बार श्रद्धालुओं की चीख निकल जाती है तो पता चलता है कि चूहा पैर को काट गया. मंदिर के गेटों के पास कई जगहों पर चूहों ने जमीन की मिट्टी निकाल दी है.
सफाईकर्मियों द्वारा रोजाना ढेर सारी मिट्टी हटाई जाती है. पूर्व में यहां ठाकुरजी के लिए भोग प्रसाद बनता था. तब से चूहों की संख्या बढ़ती जा रही है. मंदिर के अंदर बड़ी संख्या में आठ से दस इंच लंबाई वाले चूहे हैं. मंदिर में चूहे और बाहर बंदरों और कबूतरों से श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ती है.
आगरा रेल मंडल प्रशासन कर चुका है लाखों का टेंडर चूहे रेलवे को भी बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं. आगरा रेल मंडल प्रशासन चूहों से रेलवे को बचाने के लिए 26 लाख रुपये का टेंडर भी कर चुका है. चूहे पकड़ने का काम चल रहा है. पटरियों के नीचे किया गया खोखलापन भरा जा रहा है.