राहत: जरूरी दवाएं जेब पर भारी नहीं पड़ेंगी, सस्ती दवाओं की सूची में 34 दवाएं शामिल, अब संख्या हुई 384

नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) में संशोधन किया है. इसमें 34 नई दवाएं जोड़ी गई हैं जबकि 26 को हटा दी गई हैं. कैंसर के उपचार वाली सर्वाधिक चार दवाओं को जोड़ा गया है. सूची में शामिल नई दवाएं मूल्य नियंत्रण कानून के दायरे में आएंगी, जिससे सरकार नए सिरे से इनकी कीमत तय कर सकेगी. इससे दवाएं सस्ती होंगी और मरीजों का खर्च भी घटेगा.

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में संशोधित सूची जारी की. इसे मंत्रालय के विशेषज्ञों की टीम की सिफारिश पर तैयार किया गया है. एनएलईएम 2011 में 348 दवाएं शामिल की गई थी. उसके बाद 2015 में सूची संशोधित कर दवाओं की संख्या 376 कर दी गई. अब 384 हो गई है.
यह होगा फायदा प्राथमिक, मध्यम एवं उच्च स्तर के उपचार को ध्यान में रखते हुए यह सूची तैयार की गई है. अनुमान है कि बिक्री का करीब 50 हिस्सा इस सूची में शामिल दवाओं के दायरे में आ जाएगा.

इन दवाओं को संशोधित सूची से हटाया रैनिटिडिन, सुक्रालफेट, व्हाइट पेट्रोलेटम, एटेनोलोल और मेथिल्डोपा समेत 26 दवाओं को संशोधित सूची से हटा दिया गया. मांडविया ने कहा कि उनका मंत्रालय सबको दवाई, सस्ती दवाई की दिशा में कई कदम उठा रहा है. इस दिशा में आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची स्वास्थ्य सेवा के सभी स्तर पर सस्ती गुणवत्ता वाली दवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह लागत प्रभावी, गुणवत्तापूर्ण दवाओं को बढ़ावा देगी. नागरिकों के स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च घटने में योगदान देगी. एनएलईएम का उद्देश्य तीन पहलुओं- लागत, सुरक्षा और असर पर विचार करते हुए दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देना है. एनएलईएम 1996 में बनी थी. इसे 2003, 2011 और 2015 में संशोधित किया गया था.

aamaadmi.in अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. aamaadmi.in पर विस्तार से पढ़ें aamaadmi patrika की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Related Articles

Back to top button