महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हेलीकॉप्टर की तलाशी फिर से ली गई, जिससे उनकी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) में गुस्सा है। चुनाव प्रचार के लिए लातूर पहुंचे उद्धव ठाकरे के हेलीकॉप्टर और उनके बैग की जांच की गई। शिवसेना (यूबीटी) ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि यह उनके खिलाफ बदले की भावना से की गई कार्रवाई है, जबकि सत्ताधारी गठबंधन (भाजपा-शिवसेना-एनसीपी) के नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
शिवसेना (यूबीटी) ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर इस जांच का वीडियो साझा किया और चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया। उनका कहना है कि सभी के लिए एक जैसा न्याय होना चाहिए, लेकिन संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने मांग की कि सत्ताधारी दल के नेताओं के सामान की भी इसी तरह से जांच होनी चाहिए।
While the Entirely Compromised commission shamelessly carries on trying to delay Uddhav Thackeray ji to his sabhas by frisking, the question is, why isn’t the PM or other ministers visiting Maharashtra to promote bjp’s loot being frisked this way?
What a disgrace it’s turning… https://t.co/PxPKKsPhTu
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) November 12, 2024
चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण दिया है कि यह जांच मानक प्रक्रिया (एसओपी) के तहत की गई है और किसी विशेष नेता के खिलाफ नहीं है। आयोग ने कहा कि पिछले चुनावों में भी भाजपा नेताओं जैसे जेपी नड्डा और अमित शाह के विमानों और हेलीकॉप्टरों की तलाशी ली गई थी।