भारत के चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के 31 दिनों के बाद रूस ने भी शुक्रवार को चंद्रमा के लिए अपने अंतक्षि यान लूना-25 को प्रक्षेपित किया. कहा जा रहा है कि रूस का यान भी चंद्रयान-3 की तरह 21 अगस्त को चंद्रमा पर दक्षिण ध्रुव के हिस्से पर उतरेगा.
47 वर्षों में यह रूस का पहला मिशन है. इससे पहले1976 में लूना 24 मिशन चांद पर उतरा था. बता दें, भारत और रूस दोनों का चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बनने का लक्ष्य है. अमूर ओब्लास्ट में वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से लूना-25 को प्रक्षेपित किया गया. इसे सोयुज-2 फ्रीगेट रॉकेट के जरिए स्थानीय समय के अनुुसार सुबह 8.10 बजे लॉन्च किया गया. तास के मुताबिक, प्रक्षेपण के 564 सेकंड बाद फ्रीगेट बूस्टर रॉकेट के तीसरे चरण से अलग हो गया. लॉन्च के करीब एक घंटे बाद लूना-25 अंतरिक्ष यान बूस्टर से अलग हो गया.
पांच दिन में प्रवेश
रिपोर्ट के मुताबिक, लूंना-25 को चंद्रमा की उड़ान में पांच दिन तक का समय लगेगा. इसके बाद बोगुस्लाव्स्की क्रेटर क्षेत्र तक पहुंचने से पहले अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किलोमीटर ऊपर तीन से सात दिन बिताएगा.
118 किलोमीटर की दूरी
रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रमा पर चंद्रयान-3 और लूना-25 के बीच 118 किलोमीटर की दूरी होगी. चंद्रयान की लैंडिंग की लोकेशन 69.63 दक्षिण, 32.32 पूर्व है. वहीं रूस के लूना 25 की लैंडिंग 69.5 दक्षिण 43.5 पूर्व है.
यानों की क्षमता में अंतर
चंद्रयान-3 इस समय चंद्रमा की कक्षा में है. 23 अगस्त को इसरो का यान चांद पर लैंड करेगा. इसके दो दिन पहले लूना-25 भी चांद की सतह पर उतरेगा. सब कुछ सही रहा तो भारत के चंद्रयान-3 के साथ ही रूस के लूना-25 की भी चांद पर सफल लैंडिंग हो सकती है.