भागवत के बयान का गलत अर्थ निकाला गया संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर संगठन ने स्पष्ट किया है कि उनकी टिप्पणी का गलत अर्थ निकाला गया है. संघ नेता सुनील आंबेकर ने कहा कि भागवत के पंडित कहने का मतलब विद्वान से था.
दरअसल, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गत रविवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा था कि जाति और वर्ण व्यवस्था भगवान ने नहीं बनाई है, यह पंडितों की देन है. इस बयान को लेकर कुछ लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. इस पर संघ के नेता सुनील आंबेकर ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि मोहन भागवत ने पंडित का उल्लेख किया था, जिसका अर्थ है विद्वान. शास्त्रत्तें का आधार लेकर कुछ विद्वान लोग जो जाति आधारित ऊंच-नीच की बात कहते हैं, वह झूठ है.
आंबेकर ने कहा कि शास्त्रत्तें में कहा गया है कि धर्म के अनुसार कर्म करो. पूरे समाज को जोड़ो, समाज में उन्नति के लिए काम करना ही धर्म है.
नौकरी देने के वादे कहां गए राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर तंज कसा, जिसमें उन्होंने लोगों से नौकरियों के पीछे न भागने का आग्रह किया था. सिब्बल ने सवाल किया कि केंद्र सरकार के हर साल दो करोड़ नौकरी देने के वादे का क्या हुआ.
भागवत ने रविवार को कहा था कि श्रम के प्रति सम्मान की भावना की कमी देश में बेरोजगारी के मुख्य कारणों में से एक है.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिन्दू समाज में जाति व्यवस्था को लेकर दिए गए बयान को हम लोग मार्गदर्शन मानते हैं. उन्होंने हालांकि भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.
दिग्विजय भी बोले
भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संघ प्रमुख से सवाल किया कि वह किस शास्त्रत्त् के हवाले से जाति व्यवस्था के बारे में बोल रहे थे. सिंह ने कहा, हम तो मोहन भागवत जी से यह पूछना चाहते हैं कि कौन से शास्त्रत्त् झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा है कि शास्त्रत्त् झूठ बोल रहे हैं. हम जानना चाहते हैं कि कौन सा शास्त्रत्त् है, जो झूठ बोल रहा है.