
नई दिल्ली . सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को आदेश दिया है कि वह अडानी समूह के खिलाफ मामले की जांच 14 अगस्त तक पूरी करे.
शीर्ष कोर्ट ने समूह पर लगे शेयर मूल्यों में हेराफेरी के आरोपों की जांच पर अद्यतन स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल करने का आदेश दिया. मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति पारदीवाला ने अडानी मामले में न्यायमूर्ति ए. एम. सप्रे समिति की रिपोर्ट सभी पक्षकारों से साझा करने का आदेश दिया, ताकि वे इस मामले में अदालत की मदद कर सकें. यह रिपोर्ट न्यायालय को हाल ही में सौंपी गई है. सेबी की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि अगस्त तक समय बढ़ाने के अनुरोध पर पीठ को पुनविचार करना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आप हमें बताएं कि आपने क्या किया है, क्योंकि हमने आपको पहले ही दो माह का समय दिया था. फिर हमने आपको तीन माह का समय और दिया. हम पांच माह का समय पहले ही दे चुके हैं.
जेपीसी जांच से ही सच्चाई सामने आएगी कांग्रेस
कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि अडानी समूह से जुड़ा घोटाला ‘राजनीतिक निजी साझेदारी’ का मामला है. इसकी सच्चाई सिर्फ संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के जरिए ही बाहर आ सकती है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने इस संबंध में ट्वीट के जरिए कहा कि अडानी मामले में सेबी ने 6 महीने का और समय मांगते हुए कहा था कि रिव्यू करने में 15 महीने लगेंगे. कोर्ट ने 3 महीने का समय दिया है. यह याद दिलाना ज़रूरी है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जो जांच चल रही है वह सिर्फ प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन तक ही सीमित है.