कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है. ऐसे में शशि थरूर की उम्मीदवारी पर हो रही अटकलबाजी अब कुछ-कुछ सच होती नजर आने लगी हैं. थरूर कई बार ऐसे संकेत दे चुके हैं कि वह कांग्रेस के प्रेसिडेंट का चुनाव लड़ना चाहते हैं. भले ही उन्होंने साफतौर पर कभी कुछ ना कहा हो, लेकिन उनकी बातों से कई बार उनकी यह इच्छा झलक चुकी है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अगर थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया, तो फिर चुनाव होना तय है. पार्टी के एक खेमे के मुताबिक, कांग्रेस प्रेसिडेंट के इलेक्शन के लिए अगर गांधी परिवार से कोई नामांकन दाखिल नहीं करता है और थरूर करते हैं, तो पार्टी के अधिकतर नेता उनके खिलाफ उम्मीदवार जरूर देंगे.
वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “जो कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं, वह स्वतंत्र हैं और ऐसा करने के लिए आपका स्वागत है. इस पद पर लगातार सोनिया गांधी और राहुल गांधी रहे हैं. यह एक खुली, लोकतांत्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया है. चुनाव लड़ने के लिए किसी को किसी की इजाजत की जरुरत नहीं है.”
गौरतलब है कि शशि थरूर ने आज सोनिया गांधी से मुलाकात ऐसे समय की, जब हाल ही में उन्होंने ऐसे संकेत दिए हैं कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं, सोनिया गांधी से मुलाकाता के कुछ घंटे पहले थरूर ने कांग्रेस में सुधार की मांग करने वाली एक पोस्ट को समर्थन करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद के हर उम्मीदवार को यह संकल्प लेना चाहिए कि निर्वाचित होने पर वह ‘उदयपुर नवसंकल्प’ को पूरी तरह लागू करेगा.
तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद थरूर ने ट्विटर पर पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं की ओर से सुधार की मांग करने वाली याचिका का समर्थन किया. पार्टी कार्यकर्ताओं की ऑनलाइन याचिका के संबंध में शशि थरूर ने ट्वीट किया, ”मैं इस याचिका का स्वागत करता हूं, जिसे कांग्रेस के युवा सदस्यों के एक समूह की ओर से पार्टी में रचनात्मक सुधारों की मांग करते हुए प्रसारित किया जा रहा है. इसमें अब तक 650 से ज्यादा हस्ताक्षर इकट्ठे हुए हैं. मुझे इसका समर्थन करने और इसके आगे बढ़ने में खुशी हो रही है.”
कन्याकुमारी से जम्मू-कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की अगुवाई कर रहे राहुल कमान संभालने के मूड में नहीं हैं. खबरें आती रही हैं कि पार्टी नेता लगातार अध्यक्ष बनने की अपील कर रहे हैं, लेकिन वह इच्छुक नहीं हैं. फिलहाल, वायनाड सांसद के अलावा थरूर और गहलोत का नाम ही सामने आया है. अब ऐसे में अगर राहुल की एंट्री होती है, तो कहानी बदल सकती है, क्योंकि करीब 7 राज्यों की कांग्रेस इकाई ने उन्हें प्रमुख बनाने की बात का समर्थन किया है.