रायपुर. रायपुर के डॉक्टर के जरूरी दस्तावेजों की जानकारी चुराकर अज्ञात ठगों ने दिल्ली में दो कंपनियां शुरू कर दी. कंपनियों के नाम से दो करोड़ का कारोबार भी कर लिया. डॉक्टर जब जीएसटी ऑफिस में आईटीआर दाखिल करने पहुंचे, तो पता चला कि उनके आधार कार्ड-पैन कार्ड के नाम से दूसरी कंपनियां रजिस्टर्ड हैं. इसकी शिकायत उन्होंने थाने में की. पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है.
पुलिस के मुताबिक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सोशल वेलफेयर ऑफिसर डॉक्टर मनीष कुमार पाठक जीएसटी ऑफिस में आईटीआर फाइल करने पहुंचे. जैसे ही उन्होंने अपना पैनकार्ड बताया, तो उनका आईटीआर फाइल नहीं हुआ. उनके पैन कार्ड से दिल्ली में आइशा इंटरप्राइजेस और पाठक इंटरप्राइजेस नाम की दो कंपनियां रजिस्टर्ड थी. दोनों कंपनियों में दो करोड़ से अधिक का लेन-देन भी हुआ था. मनीष को इसकी जानकारी ही नहीं थी और न ही उसने किसी को अपने पैन कार्ड और आधार कार्ड इस्तेमाल करने के लिए दिया था. अज्ञात लोगों ने उनके दोनों दस्तावेजों का इस्तेमाल करके दो कंपनियां खोल ली थी. इसके लेन-देन भी करते रहे. डॉक्टर पाठक ने इसकी शिकायत आमानाका थाने में की. पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
दस्तावेजों की जानकारी कहां से मिली?: पूरे मामले में डॉक्टर पाठक के पैन कार्ड और आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन कहां से ये दस्तावेज व जानकारी मिली है? इसका पता नहीं चल पाया है. पुलिस को आशंका है कि पीड़ित के पैन कार्ड, आधार कार्ड जैसे दस्तावेज कहीं से चुराए गए हैं. फिर उन दस्तावेजों के आधार पर फर्म रजिस्ट्रर कराया गया है. फिलहाल अपराध दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है.