
COVID 19 के बाद से लग्जरी कार इंडस्ट्री में बिक्री ने फिर से रफ्तार पकड़ी है लेकिन लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी Mercedes Benz के अधिकारियों का कहना है लोगों की सेविंग करने की आदत लग्जरी गाड़ियों की ग्रोथ में बाधा बन रही है. मर्सिडीज बेंज कंपनी के आधिकारियों ने कहा कि ग्रोथ में बाधा के पीछे का सबसे बड़ा कारण SIP में निवेश है.
कोरोना काल (Corona) के बाद एक बार फिर ऑटोमोबाइल (Automobile) मार्केट में चमक दिखने लगी है. लेकिन लग्जरी कारों के बाजार में अभी भी वैसी चमक देखने को नहीं मिली है. लग्जरी कारों की कम बिक्री के बाद अब मर्सिडीज बेंज कंपनी के एक अधिकारी ने अजीब बयान दिया है.
अधिकारी का कहना है कि भारतीयों की सेविंग्स (Savings) की आदत के कारण इंडिया (India) में लग्जरी ऑटोमोबाइल मार्केट कम चलता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार मर्सिडीज बेंज के सेल्स एंड मार्केटिंग हेड संतोष अय्यर ने कहा कि एसआईपी हमारा सबसे बड़ा कंपीटीटर है. उन्होंने कहा कि इंडियंस की एसआईपी में इंवेस्ट करने की इस साइकिल को तोड़ने के साथ ही एक बार फिर लग्जरी कार के मार्केट में ग्रोथ दिख सकती है. उन्होंने कहा कि इंडिया में लोगों का पूरा ध्यान सेविंग्स पर रहता है वे कंफर्ट और लग्जरी पर अपना पैसा खर्च कम करते हैं.
अय्यर ने कहा कि कोरोना काल के बाद इंडियंस की सेविंग की आदत में काफी बदलाव देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि एसआईपी में ही नहीं भारतीय अब शेयरों में भी ज्यादा से ज्यादा निवेश कर रहे हैं. वहीं लोगों तक इंवेस्टमेंट की जानकारी भी आसानी से स्मार्टफोन की मदद से पहुंच रही है. कई ऐसी एप्स भी मौजूद हैं जो लोगों को इंवेस्टमेंट के सुझाव देने के साथ ही कई जगह निवेश करने के ऑप्शंस भी देती हैं.
संतोष ने बताया कि इंडियंस तेजी से एसआईपी में निवेश कर रहे हैं. एसआईपी में निवेश का आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि मई में एसआईपी में 12 हजार करोड़ रुपये निवेश हुए थे लेकिन अब ये आंकड़ा काफी बढ़ गया है. अक्टूबर के आंकड़ाें पर गौर किया जाए तो ये 13,040 करोड़ तक पहुंच गया है. इसके पीछे उन्होंने कमजोर सोशल सिक्योरिटी का हवाला दिया और कहा कि इंडिया में इसकी कमी होने के चलते लोग अपने बच्चों और खुद के लिए सेविंग करते हैं.