बर्लिन. चिंता से ग्रसित रोगियों के सपनों को लेकर शोधकर्ताओं ने एक चौंकाने वाला दावा किया है. शोधकर्ताओं ने बताया, चिंताग्रस्त मरीजों को बुरे सपने आते हैं और यदि उनकी सही देखभाल न की जाए तो ऐसे लोगों के जीवन पर इन सपनों का गंभीर असर हो सकता है.
यह शोध जर्मनी स्थित ‘यूनिवर्सिटी ऑफ डसेलडोर्फ’ के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया. ‘ड्रीमिंग’ जर्नल में यह शोध को प्रकाशित हुआ. अध्ययन के प्रमुख लेखक और मनोवैज्ञानिक एंटोन रिमश ने कहा, शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि चिंताग्रस्त रोगियों के सपने स्वस्थ्य व्यक्तियों के सपने से काफी भिन्न होते हैं. उन्होंने कहा, चिंताग्रस्त लोगों के सपनों में नकारात्मकता और अप्रिय तत्वों की भरमार होती है.
शोध में सपनों का विश्लेषण किया गया रिशम के अनुसार, शोध के दौरान करीब 38 चिंता ग्रस्त रोगियों के सपनों का विश्लेषण किया गया. निष्कर्ष बताते हैं कि स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में चिंता के रोगियों को बुरे सपने आए और उन्हें कुछ विषयों पर सपनेे आना सामान्य था. शोध में यह भी कहा गया है कि चिंताग्रस्त रोगी को बुरे सपनों के प्रभावों से बचाया जा सकता है. इसके लिए ऐसे लोग जिन्हें बुरे या डरावने सपने आते हैं उन्हें तुरंत मनोवैज्ञानिकों से संपर्क कर उनकी मदद लेनी चाहिए.
चिंता से ग्रस्त रोगियों को आते हैं ऐसे सपने
● लगातार पीछा किया जाना
● शारीरिक रूप से हमला होना
● माता-पिता और परिवार के सदस्यों की मृत्यु
● भय के कारण जम जाना
● ऊंचाई से नीचे गिरना
● कार-विमान हादसों का दृश्य
● असफलताओं का सामना करना और असफल होना
● समाज से बहिष्कृत किया जाना