अहमदाबाद। 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat Riots 2022) से संबंधित एक मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के एक दिन बाद सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) शनिवार को अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल से रिहा हो गई हैं. सीतलवाड़ को कथित तौर पर गुजरात दंगों के दौरान फर्जी कहानियां गढ़ने के आरोप में 25 जून को गिरफ्तार किया गया था और वह 26 जून से जेल में बंद थी.
शुक्रवार को शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार सीतलवाड़ को जमानत की औपचारिकताओं के लिए सत्र न्यायाधीश वीए राणा के समक्ष पेश किया गया था. सत्र अदालत ने शीर्ष अदालत द्वारा लगाई गई शर्तों के अलावा दो शर्तें लगाईं है.
सेशन कोर्ट ने आरोपी को 25,000 रुपये का निजी मुचलका भरने और उसकी पूर्व अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ने की शर्त रखी है जिसे तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा स्वीकार किया गया था.
तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दंगा पीड़ित जकिया जाफरी की याचिका को खारिज करने के ठीक एक दिन बाद हुई थी. वहीं गुजरात दंगों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आरोपी बनाया गया था और जांच के लिए गठित एसआईटी ने मोदी को क्लीनचिट देने वाली एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ आई याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था.
जांच प्रभावित करने का आरोप
पीएम मोदी के खिलाफ सभी आरोप खत्म होने के ठीक एक दिन बाद ही गृहमंत्री अमित शाह ने एक साक्षात्कार के दौरान पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ की थी और दावा किया था कि कांग्रेस समेत कुछ एनजीओ ने पीएम मोदी की छवि धूमिल करने की साजिशें रची थीं. अमित शाह के इस इंटरव्यू के बाद ही तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार कर लिया गया था. उन पर गुजरात दंगों की जांच को प्रभावित करने के आरोप तक लगे हैं.