प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों के संगठन काफी समय से महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्मचारियों की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में खुशखबरी देने की घोषणा की थी। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि एक मई को कैबिनेट में उनके महंगाई भत्ते पर फैसला होगा। मंत्रिपरिषद में इस तरह का प्रस्ताव नहीं आया तो कर्मचारियों में निराशा फैली। देर रात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा की।
इस बढ़ी दर के साथ राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता मूल वेतन का 22% हो गया है। अभी तक उन्हें 17% महंगाई भत्ता मिलता रहा है। यह दर एक मई से ही लागू हो जाएगी। महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर कर्मचारी आंदोलित थे। मार्च में कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव की कोशिश की थी। अप्रैल में कर्मचारियों के एक संगठन ने सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन की घोषणा की थी, जिसे वापस ले लिया गया।
कर्मचारियों के विभिन्न संगठन केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता मांग रहे हैं। संगठनों का कहना था, केंद्रीय कर्मियों को 34% महंगाई भत्ता मिल रहा है। राज्य सरकार उन्हें केवल 17% महंगाई भत्ता दे रही है। इस बीच आवश्यक वस्तुओं की महंगाई में कई गुने की वृद्धि हो चुकी है। महंगाई भत्ता नहीं बढ़ने से उन लोगों को वित्तीय रूप से काफी नुकसान हो रहा है।
सप्ताह भर पहले बिजली कर्मियों का DA बढ़ा
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी ने पिछले सप्ताह ही कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया है। वहां कर्मचारियों के भत्ते में तीन प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उनके महंगाई भत्ते की वर्तमान दर 31% से बढ़ाकर 34% कर दिया गया। इस फैसले से बिजली कंपनी के 16 हजार कर्मचारियों का फायदा हुआ।