केदारनाथ मंदिर शुक्रवार, 6 मई को सभी भक्तों के लिए खोल दिया गया। छह महीने बाद प्रसिद्ध भगवान शिव मंदिर के कपाट खुलने पर आज केदारनाथ धाम में 10,000 से अधिक तीर्थयात्री मौजूद रहे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी पत्नी के साथ केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। मंदिर में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से हुई जिसमें विश्व के कल्याण की कामना की गई। हजारों भक्तों के हर-हर महादेव के जयकारों के बीच सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर रावल भीमा शंकर लिंग ने पौराणिक परंपरा व विधिविधान से बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खोले।
इससे पहले अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले गए थे। अब अगली बारी बदरीनाथ धाम की है। 8 मई को सुबह बदरीनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए जाएंगे। पिछले 2 साल से कोरोना महामारी की वजह से बेहद कम संख्या में भक्तों को मंदिर में दर्शन की इजाजत दी गई थी, लेकिन इस बार संख्या बढ़ा दी गई है और नियमानुसार केदारनाथ धाम में एक दिन में 12 हजार, बद्रीनाथ में 15 हजार, गंगोत्री में 7 हजार, यमुनोत्री में 4 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
कैलाश पर्वत के बाद केदारनाथ को भगवान शिव का दूसरा सर्वोच्च धाम माना जाता है। कहते हैं कि यह मंदिर पांडवों ने सबसे पहले बनवाया था। उसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य ने इसकी स्थापना की और फिर तब से कालांतार में एक के बाद एक स्थानीय राजाओं ने मंदिर का जीर्णोद्धार किया। अब यहां पर हर साल लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं।