देश में चीतों की आबादी बढ़ाने को लेकर भारत सरकार कवायद कर रही है. इसी के मद्देनजर 17 सितंबर को नामीबिया से आठ चीते मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल उद्यान लाए गए थे. इनमें से 3 फीमेल चीता थीं. इस बीच, खबर है कि इन्हीं में से एक फीमेल चीता आशा ने गर्भधारण किया है. सूत्रों के अनुसार, वन अधिकारी फीमेल चीता की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि कूनो नेशनल पार्क 16 अक्टूबर से खोला जाएगा. चीतों के भ्रमण वाले क्षेत्रों में पर्यटकों के आने की अनुमति नहीं रहेगी.
नामीबिया से लाए गए 8 चीतों में तीन मेल चीते हैं. इनकी उम्र 2 से 5 साल के बीच बताई जा रही है. बता दें कि पिछले 70 सालों से भारत से चीते विलुप्त हो गए थे. एक समझौते के तहत नामीबिया से चीते भारत लाए गए हैं. मध्यप्रदेश सरकार चीतों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए 450 से अधिक चीता मित्र नियुक्त किए हैं. ‘चीता मित्र’ चीते के रहन-सहन और तौर-तरीकों के बारे में जागरूक करेंगे.
जिस दिन चीतों को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा जा रहा था, उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे. पीएम मोदी ने अपने 72 वें जन्मदिन पर चीतों को खुद बाड़े से आजाद किया. यह चीते एक विशेष विमान से पहले मध्य प्रदेश के ग्वलियर पहुंचे थे. इसके बाद इन्हें कुनो नेशनल पार्क ले जाया गया. भारत में 18 राज्यों के करीब 70 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र से अधिक में 52 टाइगर रिजर्व हैं. भारत में बाघ बहुतायक मात्रा में पाए जाते हैं.
देश में अंतिम चीते की मौत 1947 में छत्तीसगढ़ में हो गई थी. बाद में सरकार की ओर 1952 में चीते को भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया था. देश में चीतों को बसाने के लिए ‘अफ्रीकन चीता इंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट इन इंडिया’ 2009 में शुरू हुआ था. चीतो के लाने के लिए भारत ने नामीबिया सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे.