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आने वाला है साल का पहला साइक्वलोन ‘मोचा’, इन राज्यों पर होगा असर

मौसम के उलटफेर के बीच एक और खबर लोगों को परेशान करने वाली आई है. भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि 6 मई के आसपास दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात बनने के आसार नजर आ रहे हैं इसलिए अगले 48 घंटों में मौसम का उलटफेर उड़ीसा और बंगाल के बीच देखने को मिल सकता है क्योंकि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि एक लो प्रेशर एरिया प्रबल हो सकता है. मौसम विभाग इस पर नजर बनाए हुए हैं.

अगर ये चक्रवात का रूप धारण करता है तो ये साल का पहला साइक्वलोन होगा जिसका असर मई के दूसरे हफ्ते में ज्यादा देखने को मिलेगा और ये काफी शक्तिशाली भी हो सकता है. इस साइक्लोन का नाम यमन ने रखा है जो कि लाल सागर के तटीय बंदरगाह के आधार पर है. कहा जा रहा है कि इस चक्रवात का असर पूर्वी भारत से लेकर बांग्लादेश और म्यांमार में भी देखने को मिल सकता है.

8-9 मई अंडमान सागर में होगा निम्न दबाव

दक्षिण पश्चिम अंडमान सागर में 8 या 9 मई के आसपास एक निम्न दबाव विकसित होने की संभावना है. जिसके बाद इस दबाव से हवाओं के तेज होने की संभावना है. इस आधार पर अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि बंगाल की खाड़ी में बनने जा रहा निम्न दबाव आने वाले दिनों में चक्रवात में बदल जाएगा. उधर, ओडिशा सरकार ने भी चक्रवात से पहले की तैयारी शुरू कर दी है और सिस्टम को अलर्ट कर दिया है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओडिशा सरकार ने 11 विभागों और कलेक्टरों को अलर्ट रहने का आदेश दिया है.

मौसम विभाग द्वारा मंगलवार को की गई घोषणा के अनुसार, छह मई को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की संभावना है. जिसके प्रभाव से अगले 48 घंटों में निम्न दवाब के बनने की संभावना है. हालांकि, मौसम विभाग ने तूफान आने की कोई भविष्यवाणी नहीं की है. हालांकि, दूसरी ओर, एक्यूवेदर वैज्ञानिक जेसन निकोलस का कहना है कि इस सप्ताह के अंत में बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव प्रणाली विकसित होगी और आने वाले हफ्तों में चक्रवात के रूप में विकसित होने की संभावना है. हालांकि, अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि ये तूफान किन इलाकों की ओर बढ़ेंगे.

क्या पडे़गा मॉनसून पर असर?

जब मई और अप्रैल में खतरनाक तूफान आते हैं, तो वे बंगाल की खाड़ी से मॉनसून को प्रभावित करते हैं. इसके प्रभाव से केरल में मॉनसून में बाधा आ सकती है. इससे इसका असर पूरे भारत में देखा जा सकता है. जानकारों की मानें तो कुछ हिस्सों में बाढ़ आने की संभावना है. वर्ष 2022 में चक्रवात ‘असनी’ मई के पहले सप्ताह में आया था और मई के दूसरे सप्ताह में थम गया था. इसके कारण मॉनसूनी पवनें अंडमान सागर की ओर खींची चली गईं, जो अधिक आगे नहीं बढ़ सकीं.

2021 में, मॉनसून के मौसम से पहले दो चक्रवात आए. पहला चक्रवात ‘तौकते’ मई के तीसरे सप्ताह के दौरान अरब सागर से टकराया था. इन तूफानों की वजह से पश्चिमी तट के साथ भारी बारिश हुई. इसका असर बंगाल की खाड़ी से आने वाली मॉनसूनी हवाओं पर पड़ा. मई के अंतिम सप्ताह में बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात ‘यास’ उभरा. मॉनसून की शुरुआत से पहले आए इन तूफानों के कारण मॉनसूनी हवाएं पूर्व की ओर खिंची चली जाती हैं.

यास चक्रवात बिहार जैसे कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश और बाढ़ लेकर आया. 2020 में बंगाल की खाड़ी में चक्रवात ‘अंफान’ और अरब सागर में चक्रवात ‘निसर्ग’ ने भी मॉनसून को बाधित करने का काम किया था.

फिलहाल मौसम विभाग के इस अपडेट के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्होंने अधिकारियों से किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है.

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