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कूनो नेशनल पार्क के गेट आज खुल जाएंगे, चीतों के दीदार में लगेगा वक्त

कूनो नेशनल पार्क आज यानी रविवार से सैलानियों के लिए खुल जाएगा. मॉनसून को देखते हुए कूनो नेशनल पार्क बंद था. अब मॉनसून की बारिश थमने के बाद कूनो नेशनल पार्क खोल दिया जाएगा. पार्क के खुल जाने के बाद भी अभी चीतों का दीदार नहीं हो सकेगा. दरअसल 8 चीतों को जिस क्वारन्टाइन क्षेत्र में रखा गया है वहां अभी पर्यटकों को जाने की इजाजत नहीं है. मॉनसून की वजह से नेशनल पार्क तीन महीने तक बंद था. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, KNP के निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा कि 750 वर्ग किमी में फैले केएनपी में 3 गेट हैं. लेकिन तीन में से दो गेट ही खोले जाएंगे, एक गेट नहीं खुलेगा. यह वही स्थान है, जहां चीतों को क्वारंटाइन क्षेत्र में रखा गया है.

कूनो नेशनल पार्क के निदेशक ने कहा कि इस बार ज्यादा समय तक बारिश होने की वजह से पार्क के गेट कम से कम 15 दिनों की देरी से खुल रहे हैं. बता दें कि एमपी के अन्य राष्ट्रीय उद्यान 1 अक्टूबर से खुल गये थे. भोपाल से करीब 415 किलोमीटर दूर श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से 8 चीतें लाए गए थे. एक महीने पहले लाए गए यह सभी चीते अभी क्वारन्टाइन में हैं. जब चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था तब उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि नामीबिया से आए इन मेहमानों के दीदार के लिए लोगों को अभी थोड़ा इंतजार करना होगा. पीएम ने कहा था कि जब यह चीते नये माहौल में पूरी तरह ढल जाएंगे तब ही इनका दीदार सैलानी कर सकेंगे.

पार्क के अधिकारियों ने बताया कि क्वारन्टाइन में रह रहे सभी 8 चीते पूरी तरह स्वस्थ हैं. फिलहाल उन्हें खाने के लिए भैंस का मांस दिया जा रहा है. चीतों को देश में आए अब एक महीना पूरा होने जा रहा है. केंद्र सरकार की तरफ से बनाई गई टास्क फोर्स की एक मीटिंग सोमवार को ही. इस बैठक में चीताओं को रहने का दायरा बढ़ाने पर विचार किया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि सभी चीतों को 2-3 महीने में घने जंगल में पूरी तरह से छोड़ा जा सकता है.

देश में साल 1952 के बाद चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था. करीब 70 साल बाद फिर से चीतों को लाए जाने के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि कूनो पार्क में इन चीतों के आने से टूरिज्म और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

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