लखनऊ। भाजपा के वर्चस्व वाले लखनऊ नगर निगम ने इस साल के अंत में होने वाले नगर निकाय चुनावों से पहले शहर के कई इलाकों का नाम दक्षिणपंथी विचारकों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखने का फैसला किया है. भाजपा के इस कदम को विपक्ष ने राजनीति से प्रेरित बताया. लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि इसका उद्देश्य ब्रिटिश विरासत को खत्म करना और देश की आजादी और प्रगति के लिए संघर्ष करने वाले लोगों का सम्मान करना है.
लखनऊ नगर निगम ने दिया ये बयान
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम की कार्यकारी समिति की बैठक में नए नामों पर फैसला किया गया और उन्हें मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा गया है. प्रस्तावों के अनुसार नाम बदलने के लिए हिंदूवादी नेताओं विनायक दामोदर सावरकर, जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी और विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल के नाम सुझाए गये हैं. अपने कट्टर हिंदू विचारों के लिए जाने जाने वाले अशोक सिंघल के नाम पर बर्लिंगटन चौराहे का नाम रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है. सिंघल अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में भी सबसे अग्रणी भूमिका निभा रहे थे.
संजय गांधी पुरम अब चंद्रशेखर आजाद चौराहा
नगर निगम ने सर्वोदय नगर में बने द्वार (गेट) का नामकरण ‘स्वतंत्र वीर विनायक दामोदर सावरकर द्वार’ के रूप में नामित किया है. सावरकर हिंदू महासभा के एक प्रमुख नेता थे. समिति ने निराला नगर स्थित तिकोनिया पार्क का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने को भी हरी झंडी दी है. संजय गांधी पुरम चौराहे का नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद चौराहा कर दिया गया है. इसके अलावा विराम खंड राम भवन चौराहा का नाम बदलकर ‘अमर शहीद मेजर कमल कालिया चौराहा’ जबकि सरोजिनी नगर में आजाद नगर कॉलोनी पार्क का नाम मंगल पांडे के नाम पर रखा गया है, जो अंग्रेजों के खिलाफ 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे.
इन जगहों के भी बदले नाम
लालबाग में महाराजा सुहेलदेव राजभर की प्रतिमा के पास के तिराहे का नाम सुहेलदेव के नाम पर रखा गया है. सुहेलदेव श्रावस्ती के एक राजा थे, जिन्हें 1034 ईस्वी में बहराइच में गाजी मियां को हराने और मारने के लिए जाना जाता है. नगर निगम कार्यकारी समिति ने राजाजीपुरम में मिनी स्टेडियम का नाम भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश श्रीवास्तव के नाम पर रखने को भी मंजूरी दे दी है. मीना बेकरी के क्रॉसिंग का नाम बदलकर भारतीय शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मौलाना मिर्जा मोहम्मद अतहर के नाम पर रखा गया है.
लखनऊ की मेयर ने क्या कहा?
यह पूछे जाने पर कि क्या नाम परिवर्तन आगामी निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, लखनऊ की महापौर ने कहा कि इसे राजनीति से कतई जोड़ा नहीं जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि फैसला लेने से पहले कई पहलुओं पर विचार किया गया था, कुछ नाम ब्रिटिश विरासत का अहसास कराते हैं, जिन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के नामों से बदल दिया जाना चाहिए. लखनऊ नगर निगम में विपक्ष के नेता सैय्यद यावर हुसैन रेशू ने इस कदम को ‘विशुद्ध रूप से राजनीतिक’ करार दिया. बिना किसी का नाम लिए सपा नेता ने कहा, ”कई चौराहों और सार्वजनिक स्थानों के नाम ऐसे लोगों के नाम पर रखे गए हैं जिनका शहर या इसकी संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं था.” उन्होंने कहा, ‘उनमें से कुछ नाम केवल एक विशेष विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं.’