आदि शक्ति की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि शनिवार से प्रारंभ हो रहा है. छत्तीसगढ़ के राजनादंगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर, बिलासपुर जिले के रतनपुर महामाया मंदिर व दंतेवाड़ा जिले के दंतेश्वरी मंदिर मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलशों की स्थापना की जाएगी. प्रदेश के इन प्रसिद्ध शक्ति पीठों में व्यापक तैयारियां की गई है. दो साल बाद देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ेगा. देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तैयारियां पूर्ण कर ली गई है.
दंतेवाड़ा में बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की पहले दिन विशेष पूजा हुई. रतनपुर स्थित आदिशक्ति महामाया देवी में 25 हजार और दंतेश्वरी माता के दरबार में करीब 10 हजार ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए हैं. देर रात से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मां बम्लेश्वरी मंदिर पहुंचकर दर्शन करेंगे. भीड़ को देखते हुए सभी मंदिरों पर सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल 9 दिनों तक लाखों की संख्या में भक्त देवी मां के दरबार में पहुंचेंगे.
माता के दरबार में इस साल करीब 10 हजार ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए हैं. मंदिर समिति की मानें तो इस साल VIP दर्शन की व्यवस्था की गई है. इसके लिए भक्त 2100 रुपए की रसीद लेकर गर्भगृह तक प्रवेश कर सकते हैं. इसमें 1 परिवार के 4 सदस्यों समेत 2 बच्चे शामिल हो सकते हैं. इधर, अन्य जो भी भक्त माता के दरबार पहुंचेंगे उन्हें गर्भगृह से पहले ही रोक दिया जाएगा. वे गणेश जी की मूर्ति के पास से ही माता के दर्शन कर सकते हैं.आज पहले दिन से ही VIP दर्शन की शुरुआत हो जाएगी.
नवरात्रि में 9 दिन तक डोंगरगढ़ में हर दिन लाखों भक्त मां के दर्शन करने पहुंचते हैं. नवरात्रि के पहले दिन सोमवार को मां के दरबार में माथा टेकने के लिए देर रात से भक्तों का जत्था पहुंचना शुरू हो गया है.दूसरे राज्यों तक से भक्त बड़ी संख्या में यहां आते हैं. मां बम्लेश्वरी का मंदिर दो हजार साल पुराना है. यह 1600 फीट ऊंचाई पर स्थित है. मंदिर तक पहुंचने के लिए 1000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है. बुजुर्ग लोग भी मां के दर्शन कर सकें इसके लिए यहां रोपवे बनाया गया है.