अतीक और अशरफ की हत्या के तीनों आरोपी को सुरक्षा कारणों से , प्रतापगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया

अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के आरोप में पकड़े गए तीनों हमलावरों को सुरक्षा कारणों से सोमवार को नैनी जेल से प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया. वहां पर उन्हें अन्य कैदियों से अलग रखा गया है. सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है. नैनी जेल में अतीक के गुर्गों के कारण तनाव की स्थिति थी.
नैनी जेल में अतीक अहमद वर्षों तक बंद था. इसी जेल में अतीक अहमद की कभी तूती बोलती थी. वर्तमान में अतीक अहमद का बेटा अली नैनी जेल में बंद है. अली के अलावा अतीक के गुर्गे भी इसी जेल में हैं. उमेश पाल हत्याकांड में पकड़े गए सदाकत, मुंशी राकेश, चालक कैश, बहनोई डॉ. अखलाक समेत अन्य आरोपी हैं. इस तरह से अतीक गैंग के कई सदस्य हैं. इसी बीच 15 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में अरुण, लवलेश और सनी पकड़े गए. 16 अप्रैल को पुलिस ने इन तीनों शूटरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
बड़ा सवाल आखिर तीनों शूटरों को पुलिस ने रिमांड पर क्यों नहीं लिया
अतीक अहमद और अशरफ की सरेआम पुलिस अभिरक्षा में हत्या कर दी गई और पुलिस हत्या का कारण स्पष्ट नहीं कर सकी है. पुलिस अफसरों का कहना है कि विवेचना जारी है. ऐसे में यह सवाल उठना स्वभाविक है कि पुलिस तीनों हत्यारोपियों को मौके से पकड़ने के बाद भी पूछताछ क्यों नहीं कर पाई. अगर उनसे सटीक जवाब नहीं मिले तो इन तीनों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर क्यों नहीं लिया. 15 अप्रैल को कॉल्विन अस्पताल में अतीक और अशरफ की हत्या के आरोप में पकड़े गए अरुण, सनी और लवलेश ने वहीं पर नारेबाजी की थी.
अतीक ने किसको देखकर सिर हिलाया
अतीक की हत्या से ठीक पहले कॉल्विन अस्पताल के गेट पर वह कौन था जिसे देखकर अतीक पलभर के लिए ठहर गया. उसे इशारा किया और सिर हिलाया. इसके बाद वह जैसे ही गाड़ी से उतरकर अस्पताल परिसर में पहुंचा तभी हमलावरों ने गोलियां बरसा दीं. ये पूरा घटनाक्रम वीडियो कैमरे में कैद है.