फिर तो फ्री में जींस और कंडोम भी मांगोगी, सैनिटरी पैड की मांग पर छात्राओं से IAS बोली

बिहार महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. एक कार्यक्रम के दौरान स्कूली छात्राओं ने सैनिटरी पैड मुफ्त में उपलब्ध कराने की गुहार लगाई. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एमडी हरजोत कौर ने कहा, ‘आप आज सैनिटरी पैड मांग रही हो, कल आप कंडोम मांगोगी.’ वीडियो में स्कूली छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन मुफ्त में देने की मांग करते हुए देखा जा सकता है ताकि उन्हें जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़े.

एक स्कूली छात्रा ने सवाल किया, “सरकार बहुत सारा मुफ्त सामान दे रही है. क्या हमें 20-30 रुपये के सैनिटरी पैड नहीं दे सकती है?”

आईएएस अधिकारी हरजोत कौर ने लड़की के सवाल का जवाब देते हुए कहा, “क्या मांगों का कोई अंत है? कल आप कहेंगे कि सरकार जींस और खूबसूरत जूते दे सकती है. जब परिवार नियोजन की बात आती है, तो आपको मुफ्त कंडोम भी चाहिए.” हरजोत कौर ने कहा, “आपको सरकार से चीजें लेने की आवश्यकता क्यों है? यह सोच गलत है.”

लड़कियों ने उनके दावों का खंडन करते हुए कहा कि सरकार वोट के लिए चुनाव के दौरान बहुत कुछ करने का वादा करती है. इसपर हरजोत कारू ने कहा, “वोट मत दो. बन जाओ पाकिस्तान.”

नवंबर 2020 में, स्कॉटलैंड की संसद में ‘द पीरियड प्रोडक्ट्स (फ्री प्रोविजन) (स्कॉटलैंड) बिल’ पारित किया. यह बिल 12 जनवरी, 2021 को कानून बन गया. इसके साथ ही स्कॉटलैंड दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया जिसने अपनी सभी जनता के लिए पीरियड प्रोडक्ट्स फ्री कर दिए. यानी अब स्कॉटलैंड की सरकार का यह कानूनी कर्तव्य है कि वो हर उस व्यक्ति को टैम्पोन और सैनिटरी पैड जैसी मुफ्त वस्तुएं प्रदान करें, जिसे उनकी आवश्यकता है.

पीरियड पोवर्टी* को खत्म करने और स्कूल में लड़कियों की उपस्थिति बढ़ाने के प्रयास में, न्यूजीलैंड की प्रधान मंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने फरवरी 2021 में घोषणा की कि वह देश के सभी स्कूल जून 2021 से अगले तीन साल के लिए मुफ्त टैम्पोन और सैनिटरी पैड देना शुरू करेंगे. न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार सरकार को 2024 तक इस योजना पर NZ$25 मिलियन ($17.96 मिलियन) का खर्च आएगा. इससे पहले यहां कि सरकार ने छह महीने का पायलट कार्यक्रम देश के वाइकाटो क्षेत्र के 15 स्कूलों में शुरू किया था. *जब महिलाएं या लड़कियां पैड और टैम्पोन जैसे पीरियड प्रोडक्ट्स को खरीदने में असमर्थ होती हैं, तब उस स्थिति को पीरियड पोवर्टी कहते हैं. इसकी वजह से वे स्कूल या काम पर नहीं जा पाती या घर के

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