
नई दिल्ली . उच्चतम न्यायालय बिल्कीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले के दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ गठित करने को बुधवार को तैयार हो गया.
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने बिल्कीस बानो की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी वकील शोभा गुप्ता के जरिए उन्हें आश्वासन दिया कि नई पीठ का गठन किया जाएगा. गुप्ता ने मामले पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा था कि नई पीठ के गठन की जरूरत है. गुजरात सरकार द्वारा सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों की सजा माफी को चुनौती देने के मामले में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि नई पीठ का गठन पर विचार होगा.
बता दें, बिलकिस बानो ने समीक्षा याचिका के अलावा, 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक दुष्कर्म और परिवार के सात सदस्यों की हत्या करने के मामले में राज्य सरकार के 11 दोषियों की सजा में छूट देने के फैसले के खिलाफ भी एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के दोषियों की समय से पहले रिहाई ने समाज की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को 13 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायामूर्ति बेला एम त्रिवेद की पीठ इस पर सुनवाई करेगी.
15 अगस्त को रिहा किए गए थे 11 दोषी
बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट के 13 मई, 2022 के आदेश की समीक्षा की मांग की है. जिसमें शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार से नौ जुलाई, 1992 की नीति के तहत दोषियों की समय पूर्व रिहाई की याचिका पर दो महीने के भीतर विचार करने को कहा था. इसके बाद राज्य सरकार ने 11 दोषियों को छूट देते हुए 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया.