रूसी मिसाइलों के हमले से हो रहे भारी नुकसान को देखते हुए यूक्रेन ब्लैकआउट का बड़ा फैसला कर सकता है. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अगर यूक्रेनी राजधानी कीव पूरी तरह से ब्लैकआउट हो जाती है, तो अधिकारियों ने वहां के 30 लाख निवासियों को निकालने की योजना बनाना शुरू कर दिया है क्योंकि कीव में कर्मचारी आपातकालीन ब्लैकआउट पर विचार कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, कीव में 1,000 ताप केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है.
दरअसल, रूसी सेना पहले ही यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे को लगभग 40 प्रतिशत क्षतिग्रस्त या खत्म कर चुकी है. 22 अक्टूबर को पूरे यूक्रेन में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर रूसी हमलों ने 1.4 मिलियन से अधिक यूक्रेनी घरों की बिजली काट दी थी. यूक्रेन की राष्ट्रीय ऊर्जा यूजर ने 5 नवंबर को कहा कि वह यूक्रेन के विद्युत ग्रिड को पूरी तरह से फेल होने से रोकने में मदद करने के लिए सात क्षेत्रों में रोलिंग ब्लैकआउट जारी रहेगा.
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, कीव, चेर्निहाइव, चर्कासी, ज़ाइटॉमिर, सुमी, खार्किव, और पोल्टावा क्षेत्र में दिन के समय बिजली गुल रहती है. ग्रिड के फेल होने से पहले कीव के अधिकारियों को कम से कम 12 घंटे की नोटिस मिलने की संभावना होगी. कीव नगरपालिका सरकार के सुरक्षा निदेशक रोमन टकाचुक ने एनवाईटी को बताया कि हम लोगों को सूचित करना शुरू कर देंगे और उन्हें छोड़ने का अनुरोध करेंगे, अगर हालात यहां तक पहुंचता है.”
वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा था कि दक्षिणी यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले खेरसॉन से नागरिकों को फौरन निकाला जाए. दरअसल, फरवरी में खेरसॉन के दक्षिणी हिस्से पर रूस ने कब्जा कर लिया था, लेकिन पलटवार कर यूक्रेनी सेना रूसी सेना पर प्रेशर बनाए हुए है. इस इलाके से रूस की सेना अक्टूबर महीने के मध्य से लोगों को निकालने में लगी है.