
लखनऊ. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने गौरी व गणेश पर काफी अपमानजनक टिप्पणी की है. उक्त परिवाद पर संज्ञान लेते हुए, एसीजेएम, सुल्तानपुर ने 20 नवम्बर 2014 को स्वामी प्रसाद के विरुद्ध समन जारी किया था. हाईकोर्ट ने 11 जनवरी 2016 को इस मामले में स्वामी प्रसाद को अंतरिम राहत दे दी थी. हालांकि पिछले वर्ष कोर्ट द्वारा बुलाए जाने के बावजूद हाजिर न होने पर, उनके विरुद्ध पुन वारंट जारी हुआ था.
मामले की बहस के दौरान स्वामी प्रसाद की ओर से दलील दी गई कि उन्हें आईपीसी की धारा 295-ए के तहत समन किया गया है जबकि उक्त धारा के तहत किसी भी अभियुक्त को समन किए जाने से पूर्व शासन से स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है. याचिका का राज्य सरकार की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि निजी आपराधिक परिवाद के मामलों में स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है. हालांकि राज्य सरकार की इस दलील को हाईकोर्ट ने स्वीकार नहीं किया.