भारत परंपराओं का देश है, यहां शादी को बहुत बड़ा संस्कार माना जाता है जिसके लिए दुनिया भर के रीति-रिवाजों निभाये जाते हैं। यहां हर परंपरा का कुछ ना कुछ मतलब होता है। तमाम रिवाजों में सबसे लोकप्रिय है हल्दी का लगना। कोई भी शादी बिना हल्दी के पूरी नहीं होती है, हल्दी का प्रयोग हमारे यहां काफी पवित्र माना गया है। कहते हैं ना कोई भी शुभकाम करना हो तो पहले लोग हल्दी को छुआते हैं, शादी के बंधन में बंधन से पहले लड़के-लड़की की हल्दी की रस्म होती है।
हिंदू धर्म के अंदर हल्दी की रस्म का विशेष महत्व होता है। इस हल्दी की रस्म के बिना शादी को अधूरा समझा जाता है और यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। अब हम में से ज्यादातर लोग इस बारे में नहीं जानते हैं कि शादी के समय में हल्दी क्यों लगाई जाती है और इसका क्या महत्व होता है।
आइए जानते हैं इस रस्म के बारे में
पुराने समय में ब्यूटी पार्लर जैसी चीज नहीं हुआ करती थी, इसके लिए दुल्हन और दूल्हे को खूबसूरत दिखाने के लिए हल्दी का प्रयोग किया जाता था। हल्दी में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो हमारी स्किन के लिए भी फायदेमंद होते हैं। हल्दी के इस्तेमाल से चेहरे की त्वचा में ग्लो बढ़ता है और निखार ज्यादा होता है। क्योंकि शादी के अंदर दूल्हा और दुल्हन बहुत ही स्पेशल होते हैं इसलिए इनके चेहरे पर विशेष रूप से हल्दी लगाई जाती है। इसके अलावा हाथ और पैरों पर भी हल्दी लगाई जाती है ताकि दूल्हा और दुल्हन शादी के अंदर बहुत ही खूबसूरत नजर आ सकें।
हल्दी चेहरे पर लगाने से चेहरे के ऊपर उपस्थित किसी भी प्रकार के दाग और धब्बे खत्म होने लगते हैं और चेहरे की प्राकृतिक चमक बढ़ने लगती है। आपको किसी वजह से चोट या बीमारी होती है तो वह भी हल्दी के इस्तेमाल से ठीक हो जाती है, हल्दी के नियमित रूप से लगाने से आपकी स्किन के अंदर उपस्थित मृत कोशिकाएं धीरे-धीरे बाहर निकलने लगती हैं जिससे आपकी त्वचा में निखार और खूबसूरती दुगुनी गति से बढ़ने लगता है। हल्दी पीले रंग की होती है और यह रंग हमारे समाज में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। खूबसूरत रंग की वजह से नए जोड़े को हल्दी लगाई जाती है ताकि उनकी जिंदगी की शुरुआत बेहद खूबसूरत हो।